आतंकवाद पर लगाम लगाने बीकानेर जिले में भारत और सऊदी अरब सेना सीख रही नए हथियारों की तकनीक
भारत-सऊदी अरब संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सदा तनसीक ‘ का राजस्थान में आंरभ, 90 जवान शामिल
जयपुर , 29 जनवरी। भारत-सऊदी अरब संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सदा तनसीक’ का उद्घाटन 29 जनवरी 2024 को राजस्थान के महाजन में हुआ।
यह अभ्यास 29 जनवरी से 10 फरवरी 2024 तक आयोजित होने वाला है। 45 जवानों वाली सऊदी अरब की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज द्वारा किया जा रहा है। भारतीय सेना की टुकड़ी में भी 45 जवान है और जिसका प्रतिनिधित्व ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स (मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री) की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है।
भारत और सऊदी अरब की सेनाओं के बीच आज महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास शुरु हुआ है। दोनों सेनाओं ने परेड और झंडारोहण के बाद अत्याधुनिक हथियारों से निशाना लगाना शुरू कर दिया। इस अभ्यास को “सदा तनसीक” नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य आधुनिक हथियारों की जानकारी देना और आतंकवाद पर लगाम लगाना है।
इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के खंड VII के तहत अर्ध रेगिस्तानी इलाके में संयुक्त अभियानों के लिए दोनों पक्षों के सैनिकों को प्रशिक्षित करना है। यह अभ्यास दोनों पक्षों को उप-पारंपरिक क्षेत्र में ऑपरेशन्स की तकनीक, प्रक्रियाओं और रणनीति में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा। इससे दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच आपसी भाईचारा और मेलमिलाप विकसित करने में मदद मिलेगी।
इस अभ्यास में मोबाइल वाहन चेक पोस्ट की स्थापना, घेरा और खोज अभियान, हाउस इंटरवेंशन ड्रिल, रिफ्लेक्स शूटिंग, स्लिथरिंग और स्नाइपर फायरिंग शामिल होगी। यह अभ्यास दोनों टुकड़ियों को अपने बंधन को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा। यह अभ्यास सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने, रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाने और दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।
9 फरवरी तक चलेगा युद्धाभ्यास
9 फरवरी तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास के लिए सऊदी अरब से 45 सैनिक कुछ दिन पहले ही भारत पहुंच चुके थे। आठ फरवरी को दोनों देशों की सेना एक-दूसरे से सीखे गुर का प्रदर्शन करेंगी। यह अभ्यास दोनों पक्षों के अत्याधुनिक स्वदेशी रक्षा उपकरणों की क्षमताओं को उजागर करने, साझा सुरक्षा उद्देश्यों की पहचान करने, उन्हें प्राप्त करने और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने का अवसर भी प्रदान करेगा। यह दोनों देशों के बीच युद्धाभ्यास का तीसरा संस्करण है।