17 August 2021 06:01 PM
बीकानेर , 17 अगस्त। सोशल मीडिया पर आचार्य महाश्रमण जी के एक विडिओ को कांट छांट कर वॉयरल किया जा रहा है। जो अनुचित है। जैन महासभा के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा है कि मुझे लगता है की विडिओ पर प्रतिक्रिया पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर की जा रही है। वीडियो देखिये उन्होंने कन्याओं को इंगित करते हुए कहा है कि जैन संस्कृति अन्य संस्कृति से अलग है। हम शाकाहारी है। ।ये नहीं कहा कि जैन धर्म के अन्य सम्प्रदायों में शादी नहीं करें। उन्होंने तो शादी पूर्व कन्याओं को गुरुधारणा कराने पर भी चिन्तन करने का कहा है। कटाक्ष करने से पहले उस पर गहराई तक जाएं व चिन्तन करें कि आचार्य महाश्रमण जी क्या कह रहें है। कुछ लोगों का काम सिर्फ दूसरों की निन्दा करना ही होता है। आपको अगर जैन समाज के कि किसी चारित्रात्मा के विचार से असहमति है तो आप उनसे संपर्क करके उसका निराकरण कर सकतें हैं। इस तरह मर्यादाहीन शब्दों के साथ कोई सन्देश वायरल करना भी पाप का भागीदार बनता है। सकल जैन समाज की एकता, अखण्डता व गरिमा को बनाये रखने के लिये आधारहीन प्रतिक्रिया व्यक्त करने अथवा आई हुई प्रतिक्रियाओं को कॉपी पेस्ट कर फ़ॉरवर्ड करने से बचे । जब आचार्य महाश्रमण जी ने स्वयं ही अपने उद्बोधन में कई बार स्पष्ट कहा कि उन्होंने आज के परिप्रेक्ष्य में एक विचार सबके सामने रखा है जिस पर चिन्तन होना चाहिये तो फिर टीका टिप्पणी की कोई आवश्यकता ही नहीं है । हमें कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिये कि आचार्य महाश्रमण जी ने एक गंभीर और चिन्तनीय विषय उचित अवसर और प्रसंग पर हम सबके सामने रखा है । अवसर है कि हम सभी एक जूट हो जैन समाज के सुखद भविष्य के लिये सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए चिन्तन की दिशा में आगे बढ़े । ( संलग्न पूरा विडिओ सुने )
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