30 November 2022 10:34 PM
नयी दिल्ली, 30 नवम्बर। अडानी की एंट्री के बाद NDTV में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। प्रणय रॉय और उनकी पत्नी ने मंगलवार को मीडिया हाउस को अलविदा कहा था। बुधवार देर शाम चैनल के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक और प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार (Ravish kumar) ने भी इस्तीफा दे दिया। कुमार चैनल के प्रमुख शो हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और प्राइम टाइम सहित कई कार्यक्रमों में एंकरिंग किया करते थे। रवीश कुमार देश की आम जनता को प्रभावित करने वाले जमीनी मुद्दों की कवरेज के लिए जाने जाते हैं। रविश कुमार दो बार रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता और 2019 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार NDTV ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह ने इस मेल में लिखा है कि 'रवीश ने NDTV से इस्तीफा दे दिया है और कंपनी ने उनके इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। रविश जितना लोगों को प्रभावित करने वाले कुछ ही पत्रकार हैं। यह उनके बारे में मिलने वाली अपार प्रतिक्रिया में दिखता है, वो भीड़ जिन्हें वे अपने इर्द-गिर्द जमा करते हैं, भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मिले प्रतिष्ठित पुरस्कारों और पहचान में दिखता है; और उनकी हर दिन की रिपोर्ट में, जो उन लोगों के अधिकारों और जरूरतों को पूरा करता है जो सेवा से वंचित हैं। रवीश दशकों से NDTV का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं और उनका योगदान बहुत अधिक रहा है, हम जानते हैं कि जब वह एक नई शुरुआत कर रहे हैं, वे बेहद सफल होंगे।'
मोदी सरकार के प्रखर आलोचक हैं रविश
रविश कुमार की पहचान देश में मोदी सरकार के प्रखर आलोचक के तौर पर होती है। रविश कुमार अपने प्राइम शो के दौरान सबसे ज्यादा मोदी सरकार और बीजेपी की आलोचना करते दिखाई देते थे। रविश के विरोधियों को इस बात की सबसे ज्यादा शिकायत है कि वह बीजेपी और मोदी सरकार के अलावा अन्य किसी सियासी दल और सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक रुख नहीं रखते हैं। रविश कुमार मोदी सरकार की प्रशंसा करने वाले मीडिया संस्थानों को गोदी मीडिया कहकर बुलाते हैं। रविश की इस टिप्पणी की वजह से भी वह सोशल मीडिया में आए दिन आलोचना का शिकार होते रहते हैं। NDTV इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक रवीश कुमार ने इस्तीफा (Ravish Kumar Resigns) दे दिया है. चैनल के भीतर एक आंतरिक मेल के माध्यम से एक घोषणा में, NDTV ने कहा कि इस्तीफा तुरंत प्रभावी हो गया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय और IIMC के छात्र रहे रवीश कुमार 1996 से एनडीटीवी के साथ थे. इस दौरान रवीश कुमार की पहचान एक निर्भीक पत्रकार के रूप में बनती गयी. 2019 में, वह रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पांचवें भारतीय पत्रकार बने. रवीश कुमार लगातार सत्ता की नीतियों और प्रेस स्वतंत्रता पर हमलों की आलोचक की है. उन्होंने लगातार युवाओं में बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया है. यहां तक कि उन्होंने 'गोदी मीडिया' टर्म गढ़ा, जिसका आम तौर पर उन्होंने प्रयोग उन न्यूज चैनलों के लिए लिया जो कथित तौर पर सत्ताधारी दल के मुखपत्र माने जाते हैं. रवीश कुमार ने हाल ही में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया है.
यह एक ऐसी खबर जिसने भारत समेत कई देशों में लोगों के चर्चा का विषय बना हुआ है। द क्विंट के बाद अब अडानी ने एनडीटीवी पर भी नियंत्रण हासिल कर लिया है। और मीडिया जगत में अडानी ग्रुप का दबदबा बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफा दे दिया।
प्रणय रॉय और राधिका रॉय का इस्तीफा
एनडीटीवी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को प्रणय रॉय और राधिका रॉय के इस्तीफे की जानकारी दी है। इसमें बताया गया कि प्रणय और राधिका ने कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रणय और राधिका के इस्तीफे बाद संजय पुगलिया, सुदीप्ता भट्टाचार्य, सेंथिल सिनेया चेंगलवार्यन को तत्काल प्रभाव से आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में डायरेक्टर नियुक्त किया है।
एनडीटीवी में और 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए मार्केट
दरअसल, बीते 23 अगस्त को गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी समूह ने एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सा अधिग्रहित कर लिया था। तभी अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी में और 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए मार्केट में ओपन ऑफर लाने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में अडानी ग्रुप बीते 22 नवंबर को ओपन ऑफर लाया था, जो आगामी 5 दिसम्बर तक खुला है। बता दें कि NDTV एक प्रमुख मीडिया हाउस है जो एनडीटीवी 24x7, एनडीटीवी इंडिया और एनडीटीवी प्रॉफिट नाम के तीन राष्ट्रीय चैनलों का संचालन करती है।
RELATED ARTICLES