05 February 2023 07:17 PM
पोंडीचेरी , 5 फ़रवरी। श्री पार्श्वनाथ श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैनमंदिर, पांडीचेरी में साध्वी श्री लावण्यश्री जी के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम में तेरापंथ के प्रथम नागरिक श्रावक 'संस्था शिरोमणी' महासभाध्यक्ष ने अपनी संगठन यात्रा के दौरान तेरापंथ की गतिविधियों, नव- आयाम एवं "अध्यात्म का शांतिपीठ महाप्रज्ञ म्युझियम" का दर्शन विषयक विशेष बातें रखी। आंचलिक प्रभारी ज्ञानचन्दजी आंचलिया ने विचार व्यक्त किए। कडलूर क्षेत्र से उपासक सौभागजी सांड ने मंगलगीत प्रस्तुत किया।
साध्वी श्री लावण्यश्री जी ने प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा- हमारा संघ प्राणवान धर्मसंघ है। जो गुरु ने फरमा दिया वह लोहे की लकीर और लक्ष्मण रेखा बन जाती है। कितनी - कितनी गतिविधियां हमारे धर्मसंघ में चल रही है। उन्हें सुचारू रूप से चलाते है श्रध्दाशील श्रावक ! महासभा को परमपूज्य गुरुवर ने 'संस्था शिरोमणी' से उपमित किया हुआ है। कार्यक्रम का संचालन पोंडीचेरी सभाध्यक्ष हेमराज कुंडलिया ने किया। इस दौरान कडलूर, पोंडीचेरी, सिरकाली से श्रावक गण उपस्थित हुए।
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