रोजड़ी के यांत्रिक कृषि फार्म पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन
- किसानों को कम लागत में खुद के खेत पर बीज उत्पादन की दी जानकारी
- कृषि वैज्ञानिकों ने अनाज के साथ दलहन और तिलहन फसलों को प्राथमिकता देने का भी दिया सुझाव
बीकानेर, 06 मार्च। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत बुधवार को यांत्रिक कृषि फार्म रोजड़ी में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय बीज परियोजना के अंतर्गत यांत्रिक कृषि फार्म रोजड़ी में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खुद के खेत पर ही कम लागत में बीज उत्पादन की जानकारी दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनुसंधान निदेशक डॉ पीएस शेखावत ने किसानों को ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई का महत्व तथा अनाज की फसलों के साथ दलहन एवं तिलहन फसलों को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। अतिरिक्त निदेशक अनुसंधान ( बीज) डॉ. पी. सी. गुप्ता ने किसानों को अपने खेत पर ही बीज उत्पादन करने की तकनीक की विस्तृत जानकारी दी। ताकि किसानों को कम लागत में अधिकतम लाभ मिल सके।
मानव संसाधन विकास निदेशालय के निदेशक डॉ.ए.के.शर्मा ने किसानों को एक नई किस्म तैयार करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने के साथ साथ नई किस्मों का खाद्यान्न उत्पादन में योगदान पर जोर दिया। पादप रोग विशेषज्ञ डॉ. बी. डी.एस.नाथावत ने किसानों को रबी एवं खरीफ फसलों में लगने वाले कीट और रोगों के लक्षण, नुकसान एवं उचित प्रबंधन की नवीन तकनीक के बारे में बताया।
कार्यक्रम के आखिर में रोजड़ी फार्म प्रभारी डॉ बी एस मीणा ने आए हुए सभी कृषि वैज्ञानिकों और किसानों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में रोजड़ी, 12 आरजेडी, 11 एएम और आसपास से बड़ी संख्या में आए किसानों ने हिस्सा लिया।