ज्वाइंट कमिश्ननर के पद पर कार्यरत IRS अफसर महिला से पुरुष बना
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सिविल सर्विस इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ; वित्त मंत्रालय ने ऑफिशियल रिकॉर्ड में नाम-जेंडर बदला
हैदराबाद , 10 जुलाई। हैदराबाद में तैनात भारतीय रेवन्यू सर्विस (IRS) की एक महिला अधिकारी महिला से पुरुष बनी है। दरअसल, 35 साल के अधिकारी ने अपना जेंडर चेंज करवाया है। इसके बाद उन्होंने अपना नाम भी बदल लिया है। उन्होंने अपना नाम एम अनुसूया (पुराना नाम) से अनुकाथिर सूर्या एम (नया नाम) रख लिया है।
एक भारतीय रेवेन्यू सर्विस (IRS) अधिकारी ने अपना लिंग चेंज करवाया है. नाम है एम अनुसूया (IRS officer M Anusuya gender change). लिंग बदलवाने के बाद उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को एक अर्जी दी थी, जिसमें उन्होंने सरकारी दस्तावेजों में अपना नाम और जेंडर बदलने की अपील की थी. अब एम अनुसूया की इस अर्जी को मंजूर कर लिया गया है. यानी अब उन्हें उनके विभाग में भी एक महिला नहीं, बल्कि पुरुष माना जाएगा. भारतीय सिविल सेवा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी अधिकारी को इस तरह की इजाजत मिली है।
उन्होंने ऑफिशियल रिकॉर्ड में अपना नाम-जेंडर बदलने के लिए वित्त मंत्रालय को लिखा। मंत्रालय ने 9 जुलाई को इसकी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही अब से सभी सरकारी कागजातों में भी उनका नाम अनुकाथिर सूर्या एम के तौर पर जाना जाएगा। सिविल सर्विस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
11 साल नौकरी करने के बाद जेंडर बदला
मदुरै के रहने वाले अनुकाथिर सूर्या एम (नया नाम) 2013 बैच के IRS अधिकारी हैं। उन्होंने 11 साल की नौकरी के बाद अपना जेंडर बदलवाया है। दोबारा नौकरी जॉइन करने से पहले उन्होंने अपना नाम और जेंडर सरकारी रिकॉर्ड में भी बदलवा लिया है।
उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार दिसंबर 2013 से मार्च 2018 तक उनकी तैनाती चेन्नई के तमिलनाडु में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर थे। उसके बाद अप्रैल 2018 से दिसंबर 2023 तक तमिलनाडु में ही वह डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात रहे। जनवरी 2023 में उनकी तैनाती हैदराबाद में ज्वाइंट कमिश्ननर के पद की गई। तब से वह इस पद पर हैं।
भोपाल से साइबर लॉ और फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा की
अनुकाथिर सूर्या एम ने चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बैचलर डिग्री हासिल की है। उन्होंने 2023 में भोपाल के नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी से साइबर लॉ और साइबर फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा की पढ़ाई की है। उनके फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार उन्होंने एमआईटी, अन्ना यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की है।
भारत में 2014 में ट्रांसजेंडर्स को मिला थर्ड जेंडर का दर्जा
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में भारत में पुरुष-महिला के अलावा थर्ड जेंडर के रूप में ट्रांसजेंडर्स को मान्यता दी थी। कोर्ट ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ (NALSA vs Union of India) मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ट्रांसजेंडर्स को कानून सुरक्षाएं भी प्रदान की।
इसके बाद 2019 में ट्रांसजेंडर्स की सुरक्षा और उनके कल्याण के लिए ट्रांसजेंडर पर्सन्स (राइट ऑफ प्रोटेक्शन) एक्ट लागू हुआ। इस एक्ट के मुताबिक, ऑफिशियल दस्तावेजों में पुरुष या महिला के रूप में कानूनी रूप से पहचाने जाने के लिए ट्रांसजेंडर का लिंग परिवर्तन सर्जरी से गुजरना जरूरी है।
एक व्यक्ति ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र के लिए जिला मजिस्ट्रेट या जिला अधिकारी के पास आवेदन कर सकता है। जिला अधिकारी किसी व्यक्ति को उनके जन्म प्रमाण पत्र पर नाम बदलने और सभी दस्तावेजों को उसी अनुसार अपडेट करने का अधिकार देते हैं।
इसके अलावा लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद ट्रांसजेंडर को जिला मजिस्ट्रेट से संशोधित प्रमाण पत्र के लिए भी आवेदन करना पड़ता है। जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी के बाद ही वह पुरुष या महिला के रूप में पहचाना जा सकता है।