जैनाचार्य पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज का नाल के लिए प्रस्थान गुरुवार को
भगवान मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय में प्रतिष्ठा महा महोत्सव 23 से
बीकानेर, 20 नवम्बर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा व साध्वीश्री विजय प्रभा व प्रभंजनाश्रीजी आदि ठाणा 21 नवम्बर गुरुवार को सुबह करीब पांच बजे ढढ्ढा चौक के कोठारी भवन व सुगनजी महाराज के उपासरे से नाल के लिए पैदल विहार करेंगे। नाल गांव में मुनि सुव्रत स्वामी के प्राचीन मंदिर में 23 से 26 नवम्बर तक प्रतिष्ठा महा महोत्सव आयोजित किया जाएगा।
श्री जैन श्वेताम्बर ओसवाल श्री खरतरगच्छ श्रीसंघ ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन लाल नाहटा ने बताया कि नाल में दादाबाड़ी के पास स्थित भगवान मुनि सुव्रत स्वामी के शिखरबंद जिनालय का जीर्णोंद्धार कार्य धरमपुर गुजरात के श्रीमद् राजचंद्र मिशन के संस्थापक गुरुदेव राकेश भाई जवेरी की प्रेरणा व सहयोग से सुश्रावक पुरख चंद, धनराज, दीपचंद डागा, वीरमती देवी धर्मपत्नी स्वर्गीय भंवर लाल डागा परिवार के बीकानेर निवासी मुंबई प्रवासी अभय डागा-साधना देवी, आदित्य व युवराज डागा परिवार ने करवाया है।
मुंबई प्रवासी बीकानेर निवासी अभय डागा ने बताया कि तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रत स्वामी के मंदिर में 23 से 26 नवम्बर तक प्रतिष्ठा महोत्सव होगा। जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में नूतन मंदिर में मूलनायक परमात्मा की प्रतिमा को 7 जुलाई 2024 स्थापित किया गया । अब मूलनायक प्रतिमा के साथ दो अन्य तीर्थंकर परमात्मा, दादा गुरुदेव जिनदत्त सूरि, देवचन्द्रजी महाराज आदि की पांच प्रतिमाएं स्थापित की गई है।
डागा ने बताया कि मंदिर का निर्माण शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर सहित देश-विदेश में अनेक स्थानों पर जिनालयों का निर्माण करवाने वाले अहमदाबाद के पुरोहित कमलेश भाई सोमपुरा की देख रेख में जैन वास्तुकला के अनुसार मकाराना के सफेद संगमरमर से बनाया गया है। भूतल से 41 फीट ऊंचे मंदिर में डेढ़ नम्बर का मारबल का उपयोग किया गया है। तीन पंच शाख, दरवानों के मंदिर की परिक्रमा में दर्शनीय मंगल मूर्तियों, मुख्य गर्भगृह में तीर्थरों की प्राचीन पदो प्रतिमाओं के साथ कसौटी के मूलनायक काले पत्थर की मुनिव्रत स्वामी की प्रतिमा को परिकर सहित स्थापित किया गया है। गर्भगृह के आगे अधिष्ठायक देवों की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। रंग मंडप अष्टपेल यानि आठ कोनों का है । तीन सांभरण पिरामिड नुमा है। तीनों के द्वारों के ऊंपर गुमटियां, बाहर चौकी बनाई गई है। धौलपुर के चलवा रमाकांत की टीम ने स्थानीय कारीगरों के सहयोग से मकराना पत्थरों को स्थापित करने का कार्य किया।
मंदिर प्रतिष्ठा कार्यक्रम
श्री जैन श्वेताम्बर ओसवाल श्री खरतरगच्छ श्रीसंघ ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन लाल नाहटा ने बताया कि प्रतिष्ठा महोत्सव के मंगल कार्यक्रम शनिवार सुबह सवा छह बजे स्नात्र पूजा से शुरू होंगे। इस दिन सुबह सवा आठ बजे कुंभ, दीपक स्थापना, ज्वारारोपण, वेदिका व क्षेत्रपाल पूजन, सुबह साढ़े नौ बजे दश दिगपाल, अष्ट मंगल पूजन, दोपहर सवा दो बजे अट्ठारह अभिषेक होगा। रविवार को सुबह सात बजे स्नात्र पूजा, सवा नौ बजे महापूजन, दीप, 25 नवम्बर सोमवार को पौने सात बजे स्नात्र पूजा, करीब सवा आठ बजे प्रतिष्ठा विधान, पौने बारह बजे शांति स्नात्र व 26 नवम्बर मंगलवार को सुबह सवा छह बजे द्वारोउद्घाटन, सुबह पौने नौ बजे सतर भेदी पूजा का आयोजन होगा।
उन्होंने बताया कि महोत्सव के दौरान प्रतिदिन सुबह सवा आठ आठ बजे नवकारसी, दोपहर सवा बारह बजे स्वामी वात्सल्य तथा शाम को सवा छह बजे भक्ति का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रतिष्ठा के विशिष्ट सहयोगी मुबई व सूरत प्रवासी बीकानेर निवासी नव रतन, पवन पारख, उद्योगपति गणेश बोथरा व मनोज सेठिया है।
श्रावक-श्राविकाओं के लिए वाहन व्यवस्था
बीकानेर से मालेगांव तक प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के लिए श्रावक-श्राविकाओं के लिए भांडाशाह जैन मंदिर के पास से वाहन की व्यवस्था 23 से 26 नवम्बर तक रहेगी। प्रतिष्ठा के विधिकारक सिरोही के मनोज कुमार बाबूमल हरण होंगे। आयोजन के संबंध में संपर्क कमेटी बनाई गई है जिसमें रतन लाल नाहटा (9351827907),विनोद नाहटा (9461441244), अभय डागा (9323240188), पवन पारख (9374717747), मनोज सेठिया (9414139400), मनीष नाहटा (9460452920) को शामिल है।