मुमुक्षु सुश्री रियाजी डागा की जैन भागवती दीक्षा 22 जनवरी को
संतों से लिया आशीर्वाद, शोभायात्रा निकली, अभिनंदन हुआ
बीकानेर, 7 जनवरी। साधुमार्गी जैन संघ के आचार्य श्री रामलाल जी से 22 जनवरी को मध्यप्रदेश के जावद में 8 मुमुक्षुओं के साथ दीक्षा ग्रहण करने वाली बीकानेर मूल की कोलकाता प्रवासी मुमुक्षु सुश्री रियाजी डागा ने रविवार को सेठिया व मालू कोटड़ी में साधु-साध्वियों से आशीर्वाद लिया। सेठिया कोटड़ी से मुमुक्षु की शोभायात्रा निकली तथा बागड़ी मोहल्ले के सेवा सदन में अभिनंदन किया गया।
सेठिया कोटड़ी में रमेश मुनि, वीरेन्द्र मुनि, चन्द्रेश मुनि, हेमगिरि मुनि राकेश मुनि, व प्रमोद मुनि व मंगल मुनि आदि 11 मुनिवृंद ने मुमुक्षु सुश्री रियाजी डागा को आशीर्वाद दिया। मुनिवृंद ने प्रवचन में कहा कि विनय व विवेक के साथ संयम मार्ग अंगीकार करना, जिन शासन की शोभा को त्याग, तप, जप व अहिंसा से आगे बढ़ाने में समर्पण रखना वीरों का काम है।
सुश्री रियाजी डागा भगवान महावीर के शासन की सच्ची व समर्पित सुश्राविका है जिन्होंने सुख, वैभव को त्यागकर संयम मार्ग के पथ को चुना है। मुमुक्षु के साथ उनके माता-पिता व परिजन भी अनुकरणीय अनुमोदना के पात्र है जिन्होंने अपनी लाड़ली को पांच महाव्रत धारण कर भगवान महावीर के शासन की शोभा बढ़ाने के लिए समर्पित किया है।
अभिनंदन अवसर पर मुमुक्षु रियाजी डागा ने कहा कि उनकी सांसारिक भुआ साध्वीश्री शशांक श्रीजी, भुआ की पुत्रियां साध्वीश्री समिया श्रीजी,समीहाश्रीजी, सुश्रियाश्रीजी ने भगवान महावीर के बताएं सिद्धान्तों को अंगीकार करते हुए संयम मार्ग अपनाया हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्ष से वैराग्यकाल समर्पित है। उन्होंने एकेडमिक शिक्षा में बी.कॉम.ऑनर्स, सी.ए.फाइनल की परीक्षा पास की है तथा धार्मिक अध्ययन, शिक्षा व परीक्षा में समर्पण के साथ सफलता हासिल की है। दो बहनों में छोटी, पिता लालचंद, माता मधु डागा व परिजनों की प्रेरणा, संध के आचार्यश्री रामलालजी, उपाध्याय राजेश मुनि व साधु-साध्वीवृंद के आशीर्वाद से संयम मार्ग अंगीकार करने जा रही है।
उन्होंने बताया कि उन्हें गौरव है कि वे स्वर्गीय अगरचंद नाहटा परिवार की दोहिती व बीकानेर मेंं अनेक वर्षों तक सामयिक प्रतिक्रमण करवाने वाले श्रावक स्वर्गीय दीपचंद डागा की पोती है। मुमुक्षु ने बताया कि उनकी सहेली लवीयशाश्रीजी साधुमार्गी जैन संघ में दीक्षित है तथा वर्तमान में बीकानेर में प्रवास कर रही है। उन्होंने बताया कि आत्म कल्याण के लिए वे संयम मार्ग अंगीकार कर रही है।
मुमुक्षु के पिता लालचंद व माता मधु डागा ने बीकानेर श्रीसंघ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके परिवार में सभी सांसारिक सुख सुविधाएं है, लेकिन दृढ़ वैराग्यभाव जागृत होने पर उनकी पुत्री कठिन संयममार्ग अपना कर परिवार को गौरवान्वित कर रही है।
श्री अखिल भारत वर्षीय साधुमार्गी जैन संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व संरक्षक जयचंद लाल डागा, हेमंत सिंघीं व सुशील बच्छावत, महिला मंडल अध्यक्ष मनीषा डागा, ने शब्दों से , श्रीमती अलका डागा ने कविता से श्रीमती नीतू महणोत,, मोनिका कोठारी, सुमन बांठिया संजना सुखलेचा, सुश्री रिद्धि बेगानी व निकिता सेठिया ने नाटक’’ ये कहानी है लीचू से वैरागन रिया की’’ के माध्यम से दीक्षा की अनुमोदना की तथा उनके सांसारिक व वैराग्यकाल के परिदृश्य को सटीक तरीके से प्रस्तुत किया।
साधुमार्गी जैन सेवा समिति, समता युवा संघ, श्री साधुमार्गी महिला मंडल व समता बहू मंडल के संयुक्त तत्वावधान में हुए अभिनंदन समारोह में बताया गया कि संघ के आचार्य रामलालजी महाराज के दीक्षा के 50 वें वर्ष ’’महतम महोत्सव के रूप् मेंं जीव दयाणम सप्ताह मनाया जा रहा है। महतम महोत्सव आयोजन समिति के स्थानीय प्रमुख नवीन कोठारी, ने बताया कि जीव दया के तहत गौ शाला व ओसवाल समाज श्मसान भूमि में पक्षियों के चुग्गा के लिए राशि समर्पित की गई।
श्रीमती पिंकी सेठिया के 36 दिन की तपस्या पर अभिनंदन तथा सुश्रावक मनोज कुमार सांड का संघ कार्यों में सहयोग के लिए अभिनंदन किया गया। बीकानेर के साथ गंगाशहर-भीनासर साधुमार्गी संघ की ओर से भी मुमुक्षु का सम्मान किया गया। महिला मंडल व समता बहू मंडल की ओर से स्वागत गीत प्रस्तुत किया। सभी का आभार संघ मंत्री राजेन्द्र गोलछा ने जताया।