कल्याण महोत्सव 16 फरवरी को, बीकानेर पधारेंगे ब्रह्मर्षि गुरुदेव

बीकानेर, 12 फ़रवरी । सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव स्वागत समारोह समिति द्वारा 16 फरवरी 2025 रविवार को कल्याण महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। कल्याण महोत्सव के आयोजक प्रकाश रवि पुगलिया ने बताया कि नाल रोड स्थित महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में सायं लगभग 4 बजे सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव की मंगलवाणी व दिव्य आशीर्वाद का सौभाग्य बीकानेर वासियों को मिलेगा। उक्त आयोजन से संबंधित राजमहल होटल में एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर पत्रकारों को कल्याण महोत्सव से संबंधित जानकारी प्रदान की गई।

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प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए श्री ब्रह्मर्षि आश्रम तिरुपति के नेशनल मीडिया प्रेजीडेंट रवि पुगलिया ने बताया कि कल्याण महोत्सव में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का मुख्य आतिथ्य रहेगा तथा समारोह की अध्यक्षता समाजसेवी गणेश छल्लाणी द्वारा की जाएगी। कार्यक्रम में गुवाहाटी के हरेन महंत का तथा हैदराबाद के विक्रम डागा का गेस्ट ऑफ ऑनर होंगे । समारोह के स्वागतकर्ता बीकानेर के जाने-माने उद्योगपति बसंत नौलखा हैं । कल्याण महोत्सव आयोजन समिति में जयचंदलाल डागा, अशोक धीरेन्द्र नरेश सुराना, संजय सिद्धार्थ मालू, बाबूलाल मोहता, पूनमचंद आसकरण कमल बोथरा, विजय सिंह नरेन्द्र कुमार बैद, डॉ. एल.सी. बैद, पुनीत मित्तल, पिंटू राठी, अजय पुगलिया, शुभेन्द्र कोचर, विशाल बांठिया, कृष्णा सेठिया तथा दिलीप कुमार अग्रवाल शामिल हैं।

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अष्टसिद्धियों और नवनिधियों को सिद्ध करने वाले महायोगी हैं ब्रह्मर्षि गुरुदेव

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श्री ब्रह्मर्षि आश्रम तिरुपति के नेशनल मीडिया प्रेजीडेंट रवि पुगलिया ने बताया कि वर्तमान युग में इस धरा पर सर्वोत्तम सिद्धियों से सिद्ध एक अवतरित “सिद्धगुरु” श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव जिनके आभामंडल में आने मात्र से ही शक्ति का रूपान्तरण हो जाता है, जो भाग्य पढ़ते ही नहीं, भाग्यदाता भी हैं।

श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव इस आरा के एक ऐसे अलबेले संत हैं जिन्होंने अष्ट सिद्धियों एवं नव निधियों को प्राप्त किया है व समस्त सिद्धियों का उपयोग संसार के कल्याण हेतु कर रहे हैं। मानव जाति के प्रति उनकी सेवाएं असीम हैं। स्वधर्म के अंतर्गत भक्तों के कर्म कटवाते हुए आध्यात्मिक यात्रा की ओर अग्रसर करते हैं। योग, प्राणायाम, ध्यान, साधना, व्रत, तप के द्वारा भक्तों के जीवन को रूपांतरित कर देते हैं। परधर्म के अंतर्गत सेवा कार्यों से गरीब, दलित, अवांछित एवं शारीरिक अस्वस्थता से ग्रस्त लोंगों को उनकी दुख, पीड़ा, तकलीफों से ऊपर उठा कर, गलेे लगा कर अपनाते हुए यथाशक्ति संभावित इलाज़ करवाते हैं। गाँवों में पानी की व्यवस्था करवाते हैं एवं हज़ारों लाखों कों शिक्षा के द्वारा सशक्त व सक्षम बना रहे हैं।

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