कालजयी गीत रचकर कन्हैयालाल सेठिया ने दुनिया में बढ़ाया राजस्थानी का सम्मान

  • कन्हैयालाल सेठिया की 105वीं जयंती

बीकानेर, 11 सितम्बर। कन्हैयालाल सेठिया ने “पाथळ और पीथळ”तथा ” धरती धोरां री ” जैसे कालजयी गीत रचकर दुनिया में राजस्थानी का मान बढ़ाया। युवा लेखकों को उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सीख लेनी चाहिए।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में कन्हैयालाल सेठिया की 105वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को आयोजित संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने यह उद्गार व्यक्त किए।

mmtc
pop ronak

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार थे। स्वर्णकार ने कहा कि कन्हैयालाल सेठिया के साहित्यिक अवदान का सम्मान करते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी साहित्य पुरस्कार से पुरस्कृत किया। सेठिया ने राजस्थानी के अलावा हिंदी और उर्दू में भी साहित्य रचा।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

अध्यक्षता करते हुए इंस्टीट्यूट के सचिव कवि.कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि राजस्थानी साहित्य में कन्हैयालाल सेठिया के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। जोशी ने कहा कि राजस्थानी साहित्य सृजन के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करने वालों महापुरूषों को याद करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने सेठिया के जीवन के संस्मरण साझा किए।

विष्णु शर्मा ने कहा कि कन्हैयालाल सेठिया की मींझर, लीलटांस, मायड़ रो हैलो जैसी कृतियां बेहद लोकप्रिय रही। राजस्थानी साहित्य के पाठ्यक्रम में उनकी कई पुस्तकों को सम्मिलित किया गया है।मांगीलाल भद्रवाल ने आभार जताया।
कार्यक्रम में शिक्षाविद सुभाष चंद्र, दिनेश चूरा सहित अनेक लोगों ने विचार रखे।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *