महाराजा गंगा सिंह की परंपरा 93 सालों से बरसात के पानी से बनता है करणी माता का महाप्रसाद
- फावड़े से निकाल 40 हजार श्रद्धालुओं में बंटता है प्रसाद
देशनोक (बीकानेर) , 14 जुलाई। देशनोक के करणी माता मंदिर में बरसात के पानी से 14 हजार 350 किलो लापसी का महाप्रसाद बनाया गया। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं समेत देशनोक के 40 से 50 हजार लोगों को इसका वितरण होता है।
मान्यता है कि बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह जब गंगनहर (1931) बनवा रहे थे इस दौरान इसके निर्माण में समस्याएं आने लगी। तब महाराजा ने करणी माता मंदिर में महाप्रसादी का आयोजन हुआ। अब 93 सालों से यह परंपरा चली आ रही है।
बरसात के पानी का होता है उपयोग
श्री करणी मंदिर निजी प्रन्यास के अध्यक्ष बादल सिंह ने बताया- देशनोक करणी माता मंदिर में गुप्त नवरात्रि की अष्टमी रविवार को सावन भादवा महाप्रसाद का सुबह मां करणी को विधिवत भोग लगाया गया। इसके बाद देशनोक के घरों में इस प्रसाद का वितरण किया गया।
बादल सिंह ने बताया-शनिवार सुबह मंदिर प्रांगण में महाप्रसाद बनाने की शुरुआत की गई। आज सुबह 6 बजे यह बनकर तैयार हुई। इसमें जिसमें 3701 किलो आटा, 49 टिन देसी घी, 2580 किलो गुड़ और करीब 106 किलो ड्राई फ्रूट्स का मिश्रण होता है। इसके लिए मिश्रण, अनुपात व वजन सब तय होता है। इसी के अनुसार पहले ही तैयारी कर ली जाती है।
मंदिर प्रांगण में ही बनी बावड़ी के पानी का उपयोग किया जाता है। यह पानी बारिश का होता है।
साल में 2 बार होता है आयोजन
स्थानीय पत्रकार रोहित शर्मा बताते हैं- हर साल समाजसेवी या श्रद्धालुओं के जरिए माता की महाप्रसादी का आयोजन होता है। इस बार करणी दान जोशी एवं उनकी पौत्री सगत स्वरूपा श्रीडूंगरगढ़ निवासी के द्वारा करवाया गया। जुलाई माह की प्रसादी को सावन-भादो प्रसाद कहा जाता है। इसके लिए कल से मंदिर को सजाया गया था।