नालन्दा में हुआ करूणा युवा सप्ताह का समापन

बीकानेर , 13 जनवरी।  जो व्यक्ति किसी प्राणी की विवेक व आनन्द के साथ बिना किसी भेदभाव के सेवा करे वो ही है आज का विवेकानन्द है।  यह उद्गार आज नालन्दा पब्लिक सी.सै. स्कूल के सृजन सदन में स्कूल की करूणा क्लब ईकाई के द्वारा आयोजित दिनांक 6 जनवरी से 13 जनवरी 2024 तक विवेकानन्द जन्म-जयंती करूणा युवा सप्ताह के आयोजन के समापन के अवसर पर शाला प्राचार्य राजेश रंगा ने कहे।
रंगा ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आज पूरा विश्व बारूद के ढेर पर खड़ा  है , चारों ओर जाति धर्म के नाम पर विनाश ही विनाश दिखाई दे रहा है तथा देश में जाति, धर्म भाषा के आधार पर साम्प्रदायिक माहौल पैदा हो रहा है। इस दौर में अगर कोई व्यक्ति बिना किसी भेदभाव, व्यक्तिगत स्वार्थ, लोभ प्रलोभन से दूर रहकर किसी भी व्यक्ति विशेष  की सेवा आनन्द के साथ करता है तो वो ही विवेकानन्द कहलाता है।
शाला की करूणा क्लब के मीडिया प्रभारी आशिष रंगा ने बताया कि करूणा युवा सप्ताह के तहत शाला में प्रथम दिन 6 जनवरी 2024 को मोटिवेशनल गुरू भवानी सिंह द्वारा छात्र/छात्राओ को शिक्षा के प्रति समर्पण भाव बताए तथा उन्होंने बताया कि विवेकानन्द शिक्षित होने के साथ-साथ संस्कारवान् होने की बात भी करते थे।  हमें उच्च शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी नहीं छोड़नी चाहिए। अपितु अपनी संस्कृति और संस्कार का प्रचार प्रसार भी देश-विदेश में घुमने जाए तो वहां भी करना चाहिए।
दूसरे दिन 7 जनवरी 2024 वार रविवार को युवा सप्ताह के तहत शाला के आस-पास के बाग-बगीचों मंदिर व स्कूल प्रांगण में स्वच्छता अभियान चलाकर श्रमदान किया। इस स्वच्छता श्रमदान की प्रशंसा करते हुए राजेश्वरी मन्दिर के अधिष्ठाता पं ग्वालदत्त व्यास ने इस कार्य की मुक्त कंठ से भूरी-भूरी प्रशंसा की।  उन्होने कहा कि जहां स्वच्छता होती है, वहीं भगवान का वास भी होता है हमें नित्य प्रतिदिन कहीं न कहीं एक घंटे हमेशा श्रमदान करना चाहिए। अगर भारत के 140 करेाड लोग इसी प्रकार 1 घंटे श्रमदान करें तो हमारे भारत देश की काया कल्प हो सकती है और हमारा भारत पूरे विश्व-भर में स्वच्छ और स्वस्थ भारत हो सकता है।
युवा सप्ताह के तीसरे दिन 8 जनवरी 2024 को शाला मे विवेकानन्द और सर्वधर्म निबंध प्रतियोगिता का आयेाजन किया गया। जिसमें शाला के साथ-साथ अन्य स्कूलों के 35 बच्चों ने भी भाग लिया। निबंध प्रतियोगिता के उपरांत निर्णायक मंडल श्रीमती सीमा पालीवाल कुसुम किराडू, सीमा स्वामी ने परिणाम जारी किया। जिसमें भव्य गोपाल पुरोहित, केशव व्यास, यज्ञश्री व्यास ने क्रमश प्रथम, द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया।
चतुर्थ दिन 9 जनवरी को शाकाहार और विवेकानन्द विषय पर भाषण प्रतियोगिता का  आयोजन किया गया। जिसमें शाला के 45 बच्चों के अलावा अन्य विद्यालयों के 7 बच्चों ने भी अपनी भूमिका निभाई। जिसमें छात्र/छात्राओं ने विवेकानन्द के कई ऐसे प्रसंगों का जिक्र किया जिसे लोगों में शाकाहार ही उतम आहार है। जैसी भावना जागृत होती नजर आई। अंत में निर्णायक मंडल के श्री चन्द्रशेखर स्वामी श्री कृष्ण उपाध्याय व मनमोहन सुथार ने हरेन्द्र बोड़ा, रामकला सारण, भारती आचार्य को क्रमशः प्रथम, द्वितीय तृतीय स्थान की घोषणा की।
पांचवे दिन 10 जनवरी को चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार व राजस्थानी भाषा आंदोलन के प्रबल समर्थक कमल रंगा ने छात्र/छात्राओं को बताया कि चित्रकला एक ऐसी कला है, जिससे हम स्वयं की कला को तो निखार ही सकते है वरन् लोगों को चित्रकला सिखाकर रोजगार देकर उनके जीवन को भी निखार सकता है। इस चित्रकला प्रतियोगिता में शाला के 135 छात्र/छात्राओं ने भाग लिया। चित्रकला के निर्णायक मण्डल के महावीर स्वामी, अशोक शर्मा, मुकेश तंवर थे उन्होंने बताया कि इस  प्रतियोगिता में राहत फातमा, गरिमा सुथार व भूमिका गहलोत क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रही।
छठे दिन 11 जनवरी 2024 को शाला के छात्र/छात्राओं को शान्ति विद्या निकेतन के रमेश मोदी द्वारा आने वाले समय में रोजगार के संकट को ध्यान में रखते हुए स्वरोजगार की कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे छात्र/छात्राओ को सर्फ, साबुन, टॉयलेट क्लीन मोमबत्ती जैसे अनेक वह साधन जो कि हमारी रोजमर्रा के जीवन में काम आती है का निर्माण करना सिखाया। रमेश मोदी ने छात्र/छात्राओ को बताया कि हमें रोजगार की तलाश नहीं करनी है। वरन् हमें बेरोजगारो को ढूंढकर उन्हे इस प्रकार की टेªनिंग देकर उन्हें भी रोजगारोन्मुखी बनाना है। इस प्रकार के छोटे-छोटे आईटम से हम हमारी रोजी-रोटी भी कमा सकते है और अपना नाम भी कमा सकते है।
सातवे दिन 12 जनवरी 2024 को शाला प्राचार्य राजेश रंगा व समस्त विद्यालय परिवार द्वारा स्वामी विवेकानन्द जी की आद्मकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया तत्पश्चात् रामकृष्ण आश्रम बीकानेर के सहयोग से विवेकानन्द जी के जीवन पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी की विशेषता 1 से 40 प्रकार की पोस्टर प्रदर्शनी थी। जिसमें स्वामी विवेकानन्द जी के जन्म से लेकर उनके द्वारा किए गए समस्त कार्य का उल्लेख उस प्रदर्शनी में था। जिसमें शाला के सभी विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर रूचि दिखाकर प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
रामकृष्ण आश्रम बीकानेर प्रांत प्रचार-प्रसार सचिव अर्जुन सिंह, एड अभय सिंह, एड. पवन कुमार स्वामी ने स्वामी जी के जीवन-दर्शन पर अनेक प्रसंग छात्र/छात्राओं के साथ साझा किए तथा स्वामी जी के राजस्थान से लगाव पर विशेष  बातें बताई तथा छात्र/छात्राओं के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी उन्होंने दिए।
करूणा क्लब प्रभारी हरिनारायण आचार्य ने बताया कि आज दिनांक 13 जनवरी 2024 को करूणा युवा सप्ताह के समापन के अवसर पर सभी विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
इस पूरे सप्ताह में बच्चों ने जोश व जुनून के साथ कार्यक्रमों में भाग लिया। कई प्रकार के प्रसंगों को पूछकर अतिथियों को असमंजस मे डाल दिया और जिज्ञासाओं को शांत किया और सभी आए हुए सभी अतिथियों व निर्णायकों को कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा की विवेकानन्द पर लिखी साहित्यक पुस्तक सदियों  का सूरज व योद्धा संन्यासी देकर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर शाला के किशोर जोशी, उमेश सिंह, दीपिका राजपूत, प्रीति राजपूत, प्रियंका व्यास, मुकेश तंवर, लियाकत अली, प्रवीण राठी, कार्तिक मोदी, नवनीत व्यास, दिनेश व्यास, अविनाश व्यास, तोलाराम, घनश्याम ओझा, आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन एवं सभी अतिथियों का आभार करूणा क्लब के सहप्रभारी सुनील व्यास ने किया।

bhikharam chandmal

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