साहित्य हमारे जीवन की धरोहर.. हमारी हर समस्या का समाधान -कविवर


- नैतिकता की सुर सरिता जन जन मन पावन करलो..
- आलीजा है देश म्हारो आलीजा म्हारी भासा..
बीकानेर, 06 मार्च। राष्ट्रीय कवि चौपाल की 507वीं कड़ी होली स्नेह मिलन को समर्पित रही। इस अनूठी साहित्य सभा की अध्यक्षता राजस्थानी कवि डॉ. कृष्ण लाल विश्नोई, मुख्य अतिथि उद्योगपति राजाराम धारणीया एवं विशिष्ट अतिथि समाजसेवी झंवरलाल गोलछा, वरिष्ठ साहित्यकार सरदार अली पड़िहार आदि मंच पर शोभित हुए।
आज के कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. कृष्णलाल विश्नोई ने रुंखडा़ म्हाने लागे म्हारे बेटा दाय ..मुख्य अतिथि उधोगपति राजाराम धारणिया ने साहित्य हमारे जीवन की धरोहर.. हमारी हर समस्या का समाधान कविवर के पास, विशिष्ट अतिथि झंवरलाल गोलछा ने नैतिकता की सुर सरिता जन जन मन पावन करलो.. सरदार अली पड़िहार ने खाऊं धमीडा़ मांय म्हारो मनडो़ भटको खाय सुन कर श्रोताओं को काव्य आनंद के सागर में गोते लगाने पर मजबूर कर दिया।



रामेश्वर साधक ने है विभो आनंद सिंधो मै च मेधा दियताम ईश वंदना से कार्यक्रम शुभारम्भ किया। वरिष्ठ शाइर क़ासिम बीकानेरी ने राह-रो कितने सरे राह भटक जाते हैं/पूरा हर एक सफ़र हो ज़रूरी तो नहीं। इसके साथ ही बम चकरी ने जीवन के छोटे सुत्र पोथी में नहीं अणुव्रत में समाहित सुनाकर समां बांध दिया। लीलाधर सोनी ने नारी रूप धरै नाना.. सुबह गाय शाम सिंहणी.. राजकुमार ग्रोवर ने घूम के देखो दुनिया सारी कोई नहीं पूरब का सानी.. कैलाश टाक ने आलीजा है देश म्हारो आलीजा म्हारी भासा.. अब्दुल शकूर सिसोदिया बीकाणवी ने आए ना बालम आते आते परदेशी पिया, गंगाविशन विश्नोई ने म्हे माटी हूं माटी री आपरी क्षमता हुया करै है ..सुभाष विश्नोई ने गांव से शहर की और चले सुनाकर सदन में दाद बटोरी।
मधुरिमा सिंह ने वृक्ष के हरे पत्ते पीले झडे़ पत्ते … पवन चड्ढ़ा आज के इंसान को यह क्या हो गया .. राजू लखोटिया ने बांसुरी धुन सुना कर सदन का मन मोह लिया। आज के कार्यक्रम का संयोजन बम चकरी ने किया। आभार रामेश्वर साधक ने व्यक्त किए, कार्यक्रम में तुलसी राम मोदी, परमेश्वर सोनी, देवी सिंह बीका, मानवेन्द्र सिंह, ओमप्रकाश भाटी, नत्थू खां, मनोज कोठरी आदि कई गणमान्य साहित्यानुरागी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

