अष्टानिका महोत्सव में भगवान नेमिनाथ का जन्म कल्याणक उत्सव, 2800 किलो रसगुल्ले का वितरण
बीकानेर, 9 अगस्त। जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ के आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी के सान्निध्य में जैन धर्म 23 वें तीर्थंकर भगवान भगवान पार्श्वनाथ के 2800वें निर्वाण कल्याणक पर शुक्रवार को अष्टानिका महोत्सव शुरू हुआ।
भगवान नेमिनाथ का जन्म कल्याणक उत्सव के रूप में मनाया गया। रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में स्नात्र पूजा मुनिवृंद के नेतृत्व में की गई। शहर के विभिन्न स्थानों पर 2800 किलो रस्सगुल्लों का वितरण किया गया। भीनासर के भगवान पार्श्वनाथ मंदिर में भक्ति संगीत का आयोजन हुआ।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट एवं श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में सकल श्रीसंघ के सहयोग से भगवान पार्श्वनाथ के निर्वाण कल्याणक पर पहली बार बड़े पैमाने पर विविध कार्यक्रम हो रहे है। श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा व श्री जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया कि शुक्रवार को 2800 किलो मिठाई का वितरण बड़ा बाजार, गंगाशहर गोल मंदिर, कोटगेट, महावीर भवन, शिवबाड़ी में किया गया। डागा, सेठिया पारख मोहल्ला के महावीर भवन में में 101 श्रावक-श्राविकाओं ने सामूहिक एकासना किया।
भगवान नेमिनाथ के जिनबिम्ब को पालने में झुलाया
आचार्य श्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में 22 वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ के जन्म कल्याणक पर उनके बाल रूप के जिन बिम्ब को पालने में जयकारों के साथ श्रावक-श्राविकाओं ने झुलाया। बच्चों ने मोबाइल के दुष्परिणाम पर रोचक नाटक के माध्यम से बताया।
गर्भपात महापाप
आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी ने भगवान नेमिनाथ के आदर्शों का स्मरण दिलाते हुए कहा कि भगवान नेमिनाथ ने अपने विवाह अवसर पर निरीही पक्षियों व पशुओं की बलि की बात सुनकर राजपाट छोड़कर संत बन गए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोग गर्भपात का महापाप कर रहे है। चिकित्सक व विज्ञान का कहना है कि तीन माह बाद गर्भ में भ्रूण का विकास होता है, जबकि गर्भ में जीव प्रथम दिन से ही भ्रूण के रूप में विकसित होने लगता है।
बीकानेर के मुनि सम्यक रत्न सागर ने विषय का विस्तार करते हुए कहा कि गर्भपात जैसा गंभीर पाप कोई दूसरा नहीं है। श्रावक-श्राविकाएं गर्भपात के महापाप से बचे तथा दूसरों को भी गर्भपात नहीं करवाने की प्रेरणा दें। प्रभावना का लाभ फलोदी निवासी चेन्नई प्रवासी सुश्राविका मंजू बाई व शीतल, विकास व रूपेश गुलेच्छा ने लिया। समारोह में अमेरिका वाशिंगटन में जिनालय बनाकर देव, गुरु व धर्म की प्रभावना करने वाले फलौदी मूल के महेन्द्र मालू व डॉ. माणकचंद मालू का अभिनंदन श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व जिनेश्वर युवक परिषद की ओर से किया गया।
श्री 45 आगम तप में राज प्रश्नीय सूत्र की आराधना
आचार्यश्री के सानिध्य में ढढ्ढा चौक की आगम वाटिका शुक्रवार को श्री राज प्रश्नीय सूत्र (द्वितीय उपांग सूत्र) आराधना गई। आचार्य श्री ने धर्म चर्चा में बताया कि इस सूत्र में भगवान महावीर के अमल कल्पा नगरी में पहुंचने, वहां समवशरण की रचना करने, उसमें सूर्याभदेव प्रभु को वंदन करने, प्रभु के सामने 108 देवी-देवताओं ने 32 प्रकार के नाटक किए। जिसमें समुद्र के उछलते लहरों, चंद्रोदय-सूर्योदय, क,ख,ग, घ आदि 25 अक्षरों की आकृति वाले अभिनय युक्त और श्रमण भगवान महावीर के जीवन चरित्र को प्रदर्शित करने वाले पूर्ण अभिनय और सम्पूर्ण नाट्य कला दर्शाने वाला नाटक प्रस्तुत करने का वर्णन है।
नाट्य क्षेत्र की प्रचुर जानकारी से भरा यह आगम अद्भुत है। नाटक के अंत में गौतम प्रभु ने प्रभु जी से पूछा कि ये देव कौन हैं-। तब प्रभु ने उस देव का पूर्वभव बताया और इस प्रश्नोतर से पार्श्व प्रभु की परम्परा में हुए श्री केसी गणधर के उपदेश बोध पाए हुए प्रवेशी राजा की जीवन वृतांत आलेखित है। एक नास्तिक राजा का जीवन सद्गुरु के समागम से कैसा परिवर्तन होता है इसका वर्णन है। आगम में बताया गया कि सिर्फ 13 छठ की आराधना करके प्रदेशी राजा एक अवतारी होकर आगामी भवन में सिद्ध होंगे। शनिवार को जीवाभिगम सूत्र की आराधना की जाएगी।
शांतिनाथ मंदिर में जिनालय शुद्धिकरण व जीव दया शनिवार को
आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में मुनि व साध्वीवृंद के नेतृत्व में शनिवार को सुबह छह से नौ बजे तक नाहटा चौक के भगवान शांति नाथ मंदिर में शुद्धिकरण किया जाएगा। अभियान से जुड़े पवन खजांची ने बताया कि मंदिर की सफाई के साथ प्रतिमाओं का प्रक्षालन आदि से शुद्धिकर किया जाएगा। श्री जिनेश्वर युवक परिषद के मंत्री मनीष नाहटा ने बताया कि शनिवार को गौशाला में चारा, पक्षियों को दाना खिलाया जाएगा तथा चीटियों को कीड़ी नगरा सींचा जाएगा। मछली आदि जीवों को छुड़वाया जाएगा तथा अपनाघर वृद्धआश्रम में नर सेवा नारायण सेवा की जाएगी। सामूहिक सामयिक प्रवचन पांडाल व सुगनजी महाराज के उपासरे में शाम को होगी। कोचरों के पंच मंदिर में भक्ति संगीत का आयोजन होगा।
गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में स्नात्र पूजा 11 को
शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में रविवार को सुबह सवा सात बजे खरतरगच्छ ज्ञान वाटिका के बच्चों की ओर से स्नात्र पूजा की जाएगी। अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद बीकानेर के सचिव अनिल सुराणा ने बताया कि स्नात्र पूजा समन्वयक श्रीमती सुनीता नाहटा व पवन खजांची के नेतृत्व में भगवान महावीर, पार्श्वनाथ की वंदना की जाएगी तथा शांति कलश स्थापित कर पूजन किया जाएगा।