महाश्रमणोस्तु मंगलम् कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया गया

गंगाशहर , 20 मई। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार गंगाशहर तेरापंथ महिला मंडल द्वारा महाश्रमणोस्तु मंगलम् कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया गया।

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अध्यक्ष श्रीमती संजू लालाणी ने बताया कि प्रथम चरण 17 अप्रैल को आचार्य श्री महाश्रमणजी का जन्मोत्सव के साथ ही यह कार्यक्रम मनाया गया। मंगलाचरण महिला मंडल की बहिनों ने महाश्रमण अष्टकम से किया।उसके बाद मंडल की मंत्री मीनाक्षी आंचलिया ने स्वागत में अपने विचार रखे, उसके बाद मंडल को बहिनों ने आचार्य महाश्रमण पर गीत प्रस्तुत किया ।

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आचार्य श्री महाश्रमण जी की अष्ठगणी संपदा पर साध्वीश्री प्रांजल प्रभाजी ने अपने उद्‌गार व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य श्री जी के इन्द्रिय संयम, प्राणी मात्र के प्रति सहानुभूति, आचार का विशेष रूप से पालन करना, सभी को छ : काय के प्रति जागरूक रहने के लिए वे समय -समय पर प्रेरणा देकर संयम की पालना करतें हैं।

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साध्वी स्वस्थ प्रभाजी ने कहा मैं सरदारशरह की हूं। एक साथ मैं,बाल मुनि मुदित ,उदित और अन्य वैरागी, हम सब मंत्री मुनि सुमेरमलजी स्वामी से प्रेरित होकर धर्म के मार्ग पर आगे बढे ।मुझे दुगुनी खुशी है कि मै आचार्यश्री के समकालीन दीक्षार्थी थी।

सेवाकेन्द्र व्यवस्थापिका साध्वीश्री चरितार्थ प्रभा जी ने अपने मधुर वक्तव्य से अनेको जानकारी प्रदान की, गणी अतिशय को एक उदाहरण के माध्यम से समझाया। उन्होंने कहा कि गुरु के प्रति अटुट आस्था होने पर हम कठिन से कठिन समस्या से मुक्त हो सकते हैं। उनके स्थितप्रज्ञता के बारे में, इन्द्रिय संयम, वचन सम्पदा को, वाचना संपदा आदि को कुशलता से बताया, अपने संस्मरण भी सबके साथ साझा किए।

अध्यक्ष ने बताया कि द्वितीय चरण का आयोजन साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी के सानिध्य में शांतिनिकेतन के प्रांगण में रात्रि 8 से 9.30किया गया। जिसके अंतर्गत मंगलाचरण मंडल की बहनों ने महाश्रमण अष्टकम के द्वारा किया। तत्पश्चात आचार्य महाश्रमण जी के जीवन के ऊपर श्रीमती रक्षा बोथरा ने अनुशासना, श्रीमती सूची भादानी ने साहित्य, श्रीमती सरोज भंसाली ने अहिंसा यात्रा,श्रीमती सुनीता पुगलिया ने अनासक्त चेतना एवं श्रीमती श्रिया गुलगुलिया ने जनसंपर्क पर अपने विचार व्यक्त किये।

आचार्य महाश्रमण द्वारा रचित पुस्तक ” परम सुख का पथ” पर लिखित प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।जिसमें लगभग 23 प्रतिभागियों ने भाग लिया। परिषद में उपस्थित दर्शकों से कुछ रोचक प्रश्न किए गए। जिनके जवाब देने पर उन्हें सम्मानित किया गया।

साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी ने कहा परम सुख वहीं है जहां हम भौतिक वस्तुओं के ऊपर निर्भर न रहकर अपने आत्मा के शाश्वत सुख को प्राप्त करें यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए । मंडल अध्यक्ष श्रीमती संजू लालानी ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम संयोजक -प्रेम बोथरा और बुलबुल बुच्चा रही। कुशल संचालन मंजू लुणिया और बुलबुल बुच्चा ने किया।

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