मरोठी एवं बोथरा परिवार में जैन संस्कार विधि से विवाह सम्पन्न
कोयंबतूर , 28 अक्टूबर। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी भवन कोयंबतूर में नोखा निवासी कोयंबतूर प्रवासी श्रीमती लीलादेवी पूनमचंद मरोठी के सुपुत्र हिमांशु मरोठी का शुभ विवाह गंगाशहर निवासी कडूर प्रवासी विमल चंद बोथरा की सुपुत्री सोनम बोथरा के साथ जैन संस्कार विधि से सम्पन्न हुआ। जैन संस्कारक निर्मल बेगवानी (कोयंबतूर) व दीपक कोठारी (कोचीन)ने सम्पूर्ण विधि विधान व मंगल मंत्रोच्चार से सानन्द संपन्न करवाया।कार्यक्रम की शुरूआत नमस्कार महामंत्र एवम महावीर स्तुति के संगान से हुई।
संस्कारक निर्मल बेगवानी ने जैन संस्कार विधी के बारे में अवगत करवाते हुए कहा की इस अल्पपरिग्रह व अल्पारम्भ वाली विधि को अपने जीवन में हमेशा अपनाएं। संस्कारकों द्वारा मंगलभावना यंत्र को वर वधू द्वारा स्थापना करवाई तथा समुपस्थित सभी पारिवारिकजनों से मंगल भावनाओं का सामूहिक उच्चारण करवाया। कार्यक्रम का वो नजारा सबको मनभावन लगा जब वर के परिजनों से प्रस्ताव किया एवम वधु पक्ष ने स्वीकार किया। उपस्थित लोगों ने कहा यह एक बिल्कुल नए तरह का अनुभव है संस्कारकों ने सप्तपदी गाकर सबको मोहित कर दिया और सफल विवाहिक जीवन के लिए सभी को सात संकल्पों द्वारा प्रेरणा प्रदान की।
इस अवसर पर परिवारिकजनों की अच्छी उपस्थिति रही। शुभकामनाओं के स्वर में तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष नीरज श्रीश्रीमाल ने वर वधू एवम परिजनों को शुभकामनाए दी एवमजैन संस्कार विधि को श्रेष्ट विधि बताते हुए इसे सभी को अपनाने की बात कही . परिवार की ऒर से पूनम चंद मरोठी एवम विमल बोथरा ने आभार व्यक्त किया । सुरेन्द्र मालू ने बिना आडम्बर और न्यूनतम हिंसा और पूर्ण मंत्रोचार के विवाह की भूरी भूरी प्रशंसा की। श्वेता जी जैन जो की स्थानकवासी संप्रदाय से है ने कहा की यह एक बिल्कुल नया अनुभव है। दक्षिणा के रूप में वर वधू एवं उपस्थित परिजनो ने सामायिक, माला, जप एवम प्रतिक्रमण का संकल्प लिया वृहद मंगलपाठ के साथ विवाह विधि संपन्न कराई गई ।