दम्पति व एक महिला सहित तीन व्यक्तियों का मासखमण तप अभिनंदन समारोह
गंगाशहर, 18 सितम्बर । श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गंगाशहर के तत्वावधान में शान्ति निकेतन सेवा केन्द्र में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी एवं साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी के सान्निध्य में “मासखमण तप अभिनन्दन समारोह” आयोजित किया गया।
श्रीमती सुशीला देवी रामपुरिया ने आज 29 दिनों की तपस्या की है ओर 31 दिनों की तपस्या करने का लक्ष्य है। श्री विनोद कुमार आंचलिया एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अंजू देवी आंचलिया ने संजोड़े आज 31 दिवस की तपस्या- मासखमण तप किया है।
तपस्या की अनुमोदना करते हुए साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी ने कहा कि गंगाशहर में एक नया इतिहास बना है – पति- पत्नी ने संजोड़े एक साथ 31 दिनों की तपस्या की है और एक साथ तीन मासखमण तप की अनुमोदना की जा रही है। यह गंगाशहर के लिए गौरव की बात है।
साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा ने कहा कि तपस्या में कोई किसी से प्रतिस्पर्धा नही कर सकता। न ही तपस्या देखा -देखी ,होडा – होडी में हो सकती। तपस्या उच्च मनोबल से ही संभव है। तेजस शरीर ओर कार्मण शरीर तपता है, तब बहुत बडी कर्म निर्जरा होती है और आत्मा मोक्षगामी बनती है, पाप कर्मो से हल्की होती है। साध्वी श्री ने होली चातुर्मास तक सताईस मासखमण तप गंगाशहर में श्रावक- श्राविकाएं करें, ऐसी प्रेरणा प्रदान की।
इस अवसर पर साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी ने कहा कि आज गंगाशहर के चारों तीर्थों साधु- साध्वियों, श्रावक- श्राविकाओ में अपार खुशियाँ है। उपवास थैरेपी से बड़ी बड़ी बीमारियां ठीक हो जाती है। आहार संयम की साधना से आयु लम्बी होती है। साध्वी श्री जी ने आगे कहा कि आत्म शोधन की प्रक्रिया में तप के द्वारा परिमार्जन होता है। संवर आने वाले कर्म परमाणुओ को रोकता है। ओर संचित कर्म परमाणुओं का शोधन तप के द्वारा होता है। इसलिए तप मुक्ति का पथ है।
कार्यक्रम में मंगलाचरण कमल भंसाली , हनुमान सेठिया , पवन छाजेड़ , मनोहर दुगड़ , शांतिलाल पुगलिया आदि की गायक टीम ने किया। साध्वी श्री ने सामुहिक गीतिका का संगान किया।
आंचलिया परिवार व रामपुरिया परिवार की ओर से तपस्या की अनुमोदना की गई। सैंट्रल जेल अधीक्षक बीकानेर सुमन मालीवाल ने तपस्या की अनुमोदना करते हुए कहा कि जैन धर्म अहिंसा ओर तपस्या से पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान रखता है। प्राणी मात्र के प्रति दया ओर करूणा भावना हम सभी में ओर अधिक बढे ऐसी कामना की।
गुरूदेव से प्राप्त दोनों संदेश का वाचन जैन लूणकरण छाजेड व अमर चन्द सोनी ने किया। तेरापंथी सभा से शान्तिलाल पुगलिया, तेयुप से महावीर फलोदिया, महिला मण्डल से अंजु ललवाणी ने तपस्या की अनुमोदना की। तथा महिला मण्डल द्वारा आयोजित खोजो ओर पाओ प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किये।
सौरभ आंचलिया ने मुनि श्री सुमति कुमार जी के संदेश का वाचन किया व मंजु देवी आंचलिया ने रश्मि मुनि द्वारा प्रदत संदेश का वाचन किया। महिला फ्रेड़स ग्रुप ने गीतिका का संगान किया व सुशीला देवी कि दोनों पुत्रियों रीना व टीना ने तपस्या की अनुमोदना में गीतिका प्रस्तुत की। सुरभि आंचलिया ने नाट्य प्रस्तुती से तपस्या की अनुमोदना की। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री जतन लाल संचेती ने किया।