हमें अमीर को और अमीर नहीं बल्कि गरीब किसान को अमीर बनाना है- डॉ चौहान

  • राजस्थान पचास साल बाद हॉर्टिकल्चर के लिए जाना जाएगा- डॉ बिजेन्द्र सिंह, कुलपति, आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या
  • एसकेआरएयू में प्रसार सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन
  • सरसों की उन्नत खेती फोल्डर का किया विमोचन

 

बीकानेर, 19 नवंबर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार को प्रसार सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। मानव संसाधन विकास निदेशालय सभागार में आयोजित इस बैठक के मुख्य अतिथि गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान व आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेन्द्र सिंह थे। विशिष्ट अतिथि प्रगतिशील किसान गाइड राम सुथार, दीपक कुमार और सुनील कुमार बिश्नोई थे। बैठक की अध्यक्षता कुलपति डॉ अरुण कुमार ने की।

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गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक कृषि की नई नई तकनीक किसानों तक पहुंचाए। हमें अमीर को और अधिक अमीर नहीं बल्कि गरीब किसान को अमीर बनाना है। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों की बात किसान तभी मानेगा जब हम उनकी आमदनी बढ़ाएंगे। उन्होने कहा कि आने वाला भविष्य फूलों की खेती, डेयरी, भेड़ पालन, बकरी पालन, शहद उत्पादन इत्यादि का है। प्रोसेसिंग यूनिट बढ़ाने की भी जरूरत है। साथ ही कहा कि जो हट कर खेती करेगा वह सफल होगा।

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आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि राजस्थान आने वाले 50 साल के बाद हॉर्टिकल्चर के लिए जाना जाएगा। कृषि वैज्ञानिक यहां के किसानों को हॉर्टिकल्चर की ओर डायवर्ट करे। ड्रैगन फ्रूट राजस्थान के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसकी खेती को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करें। साथ ही कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक ज्यादा से ज्यादा नए किसानों को केवीके से जोड़ें। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी तभी बढ़ेगी जब वे फसलों को सीधा बेचना बंद करेंगे। ज्वार, बाजरा, गेहूं इत्यादि को मल्टीग्रेन आटा बनाकर बेचें। जो काम व्यापारी कर सकता है वो किसान क्यों नहीं कर सकता।

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कुलपति डॉ अरुण कुमार ने दोनों कुलपति के द्वारा शिक्षकों, वैज्ञानिकों को दिए गए मार्गदर्शन करने और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि दिए गए सुझावों से और मार्गदर्शन से कृषि विश्वविद्यालय और तरक्की करेगा। साथ ही बताया कि एसकेआरएयू बांस की खेती को प्रमोट कर रहा है। यहां बांस की जो प्रजाति अच्छा परफॉर्म कर रही है। उस वैरायटी के पौधे मंगवा कर सभी केवीके को प्रदान किए जाएंगे।

 

इससे पूर्व प्रसार निदेशक डॉ पी.एस.शेखावत ने पिछली प्रसार सलाहकार समिति की बैठक के बाद की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। सभी केवीके के अध्यक्षों ने भी केवीके की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। पीजी अधिष्ठाता डॉ राजेश कुमार वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में अतिथियों ने प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा तैयार किए गए ”सरसों की उन्नत खेती” फोल्डर का विमोचन किया गया। कार्यक्रम शुरुआत अतिथियों को बुके देकर और साफा पहनाकर की गई। मंच संचालन डॉ सुशील कुमार ने किया। कार्यक्रम में मानव संसाधन निदेशालय की निदेशक डॉ दीपाली धवन समेत कृषि विश्वविद्यालय के सभी डीन, डायरेक्टर, कृषि वैज्ञानिक, शिक्षक व प्रगतिशील किसान समेत प्रसार शिक्षा निदेशालय के डॉ बी.ए.निठारवाल, हुकुम सिंह, आर.एस.शेखावत, श्याम सुंदर व्यास, नवरतन प्रकाश, अजय चौधरी, तुलसी राम, जीवन राम, कृष्ण सिंह उपस्थित रहे।

 

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