संथारा साधिका नैत्रदानी श्रीमती भंवरी देवी मालू की स्मृति सभा आयोजित

shreecreates

गंगाशहर , 2 अक्टूबर। गंगाशहर निवासी श्रीमती भंवरी देवी मालू का संथारा 30 सितंबर 223 को परिसंपन्न हुआ। आज शांति निकेतन में प्रातः 11:00 बजे साध्वी श्री ललितकला जी के पावन सान्निध्य में उनकी स्मृति सभा का आयोजन किया गया।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
DIGITAL MARKETING

स्मृति सभा को संबोधित करते हुए साध्वी श्री ललित कला जी ने कहा कि श्रीमती भंवरी देवी ने अपने परिवार पर संथारे का कलश चढ़ाया है। संथारा अवधि में पारिवारिक जनों ने धर्म – ध्यान में जप-तप किया। नमस्कार महामंत्र के पावन जप में ही उन्होंने अपना कार्य संपन्न किया। एक श्राविका के लिए संथारा मरण सर्वश्रेष्ठ है।
साध्वीश्री मृदुला कुमारी जी ने कहा कि श्रीमती भंवरी देवी मालू ने अपनी मृत्यु को महोत्सव में बदल दिया तथा अपनी बीमारी की कठिन पीड़ा सम भाव से सही। साध्वी श्री योगप्रभा जी व साध्वी श्री लाभवती जी ने गीतिका का संगान किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ परिवार द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण गीत द्वारा हुआ। आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा प्राप्त मंगल संदेश का वाचन तेरापंथी महासभा के संरक्षक जैन लूणकरण छाजेङ द्वारा किया गया।उन्होंने कहा कि जैन संस्कृति में ही मृत्यु कि कला है। संथारा मरण वीर व्यक्ति ही प्राप्त कर सकता है। संथारा से मृत्यु का वरण करने वाले अपने कुल , अपने जन्मस्थल का नाम गौरान्वित कर जाते हैं। उन्होंने कहा की भंवरी देवी मालू का जन्म रासीसर के चौरड़िया परिवार में हुआ , भीनासर के मालू परिवार में शादी हुयी और सुपोल बिहार में रहना हुआ परन्तु अंतिम समय में गंगाशहर आकर रहना हुआ। उनकी आत्मा की मुक्ति की शुभकामनाएं की।

pop ronak


साध्वीप्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी द्वारा प्राप्त मंगल संदेश का वचन विकास बैद द्वारा किया गया। पुत्र संदीप मालू ने अपनी माता श्रीमती भंवरी देवी मालू का जीवन परिचय देते हुए तेरापंथी सभा, महिला मंडल व युवक परिषद के प्रति सहयोग हेतु आभार ज्ञापित किया। संदीप ने बताया की मां धर्मपरायण थी। तेरापंथ महिला मंडल में मंत्री रहते हुए अपनी सेवाएं प्रदान की है। उन्होंने कहा मां ने हम सब को जीने की राह सिखायी और जाते – जाते धार्मिक सन्देश दे गयी। मां के नेत्रदान करके है सब गौरान्वित हैं।
तेरापंथी सभा से प्रकाश भंसाली, महिला मंडल अध्यक्षा संजू लालानी, युवक परिषद से चैतन्य रांका ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथी सभा के कोषाध्यक्ष जतन संचेती ने किया।

स्व. श्रीमती भंवरी देवी नाहर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *