मिशन अगेंस्ट एनीमिया के अब आने लगे हैं तीव्र और दूरगामी परिणाम

stba

हमारे सोशल मीडिया से जुड़े!

  • दूसरे वर्ष में ढाई लाख बालिकाओं की जांच में महज 13 बालिकाएं पायी गई गंभीर एनीमिक
  • नियमित ट्रैकिंग और उपचार की प्रभावी मॉनिटरिंग का असर

बीकानेर , 17 दिसंबर । जिले को एनीमिया मुक्त बनाने की दिशा में चलाए जा रहे ‘मिशन अगेंस्ट एनीमिया” अभियान के तहत वर्ष 2023 में जिले की ढाई लाख बालिकाओं की हीमोग्लोबिन जांच में केवल 13 बालिकाएं ही गंभीर एनीमिक पाई गई ,जबकि 7 हजार 571 बालिकाओं का हीमोग्लोबिन मॉडरेट श्रेणी में पाया गया है।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने यह जानकारी दी । उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में प्रारम्भ किए गए इस अभियान के तहत पहले वर्ष में एक लाख 3 हजार 960 बालिकाएं मॉडरेट श्रेणी में चिह्नित की गई थीं तथा 631 बालिकाओं में सीवियर एनीमिया पाया गया था। जबकि इस वर्ष इतनी ही बालिकाओं की जांच में एनीमिक बालिकाओं की संख्या में प्रभावी कमी आई है।
भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन से गत वर्ष भी मॉडरेट श्रेणी में चिन्हित बालिकाओं का हीमोग्लोबिन स्तर सुधारने में मदद मिली थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में की गई प्रथम जांच में 631 बालिकाओं का हीमोग्लोबिन 7 से कम था तथा एक लाख 3 हजार 960 बालिकाएं मॉडरेट श्रेणी में थी। नियमित मॉनिटरिंग कर इन बालिकाओं को विशेष उपचार दिया गया, जिसके बाद तकरीबन सभी बालिकाओं को 11 से अधिक हीमोग्लोबिन श्रेणी में लाया जा सका। इन बालिकाओं को विशेष उपचार के रूप में आयरन सुक्रोज व फेरिक कार्बॉक्सी माल्टोस दवा दी गई।
अभियान के दूसरे वर्ष और सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। इस वर्ष करीब ढाई लाख बालिकाओं की प्रथम जांच में मॉडरेट एनीमिक श्रेणी में 7 हजार 571 बालिकाएं पाई गई,‌जबकि मात्र 13 बालिकाएं ही ऐसी चिन्हित हुईं जिनका हीमोग्लोबिन स्तर 7 से कम था। यह इस बात का संकेत है कि आयरन और फोलिक एसिड कंजप्शन की नियमित निगरानी से जिले को एनीमिया मुक्त बनाने में की दिशा में यह नवाचार अहम साबित हो रहा है। इस अभियान के दूरगामी परिणाम अब तीव्र गति से दिखने लगे हैं।

L.C.Baid Childrens Hospiatl

ऐप के माध्यम से की जा रही है मॉनिटरिंग
हीमोग्लोबिन की जांच और उपचार इत्यादि पर नजर रखने के लिए मोबाइल ऐप मां (एमएए) विकसित किया गया है। इस मोबाइल ऐप द्वारा स्कूली बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं के हीमोग्लोबीन की जांच कर मोबाइल ऐप में रिकॉर्ड संधारित किया जाता है। एनीमिक प्रभावित महिलाओं का ट्रीटमेंट और ट्रेकिंग करके उनका उपचार कर हीमोग्लोबीन स्तर सुधारने के प्रयास किए जाते हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि जिले में वर्ष 2021-22 में जहां आईएफए की 33 लाख गोलियां बांटी गई। वहीं वर्ष 2022-23 में चले सघन अभियान की बदौलत 91 लाख गोलियां वितरित की गई, जिसके परिणामस्वरूप एनीमिया मुक्त बीकानेर की संकल्पना अब साकार हो रही है।

mona industries bikaner
CHHAJER GRAPHISथार एक्सप्रेसshree jain P.G.College

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *