SMS, PBM समेत तमाम हॉस्पिटल में ओपीडी-आईपीडी सर्विस बंद; केवल इमरजेंसी केस अटेंड किए
- राजस्थान में 2 हजार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर
जयपुर \ बीकानेर \ जोधपुर \ अजमेर \ सीकर \ श्रीगंगानगर \कोटा , 16 अगस्त। कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप-मर्डर के विरोध में आज राजस्थान के सभी सरकारी हॉस्पिटल में रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। जयपुर में 250, बीकानेर में 500, जोधपुर में 500, अजमेर में 648 और कोटा में 300 से ज्यादा रेजिडेंट ने काम बंद रखा। जयपुर के साथ अजमेर, बीकानेर, जोधपुर और उदयपुर में भी कार्य बहिष्कार किया गया।
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) के आह्वान पर सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (एसएमएस), जयपुरिया हॉस्पिटल, बनीपार्क स्थित डेंटल कॉलेज हॉस्पिटल समेत तमाम हॉस्पिटलों में आज ओपीडी का बहिष्कार करते हुए डॉक्टर्स ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
सभी आज सुबह एसएमएस धंवनतरी ओपीडी में एकजुट हुए। यहां मैन पोर्च में आकर धरना देते हुए विरोध प्रदर्शन किया। यहां डॉक्टरों ने कोलकाता पीड़ित डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग करने के साथ ही सरकार से रेजिडेंट डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की। इस दौरान 250 से ज्यादा रेंजिडेंट डॉक्टरों ने आज अपना काम बंद रखा।
सीनियर डॉक्टर्स ने संभाली जिम्मेदारी
इधर, जयपुरिया हॉस्पिटल में भी करीब 70 से ज्यादा रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के ओपीडी बहिष्कार का असर देखने को मिला। यहां सीनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी में मरीजों का उपचार कर उन्हें दवाइयां दी। हड़ताल का असर इन हॉस्पिटल की ओपीडी सेवाओं के साथ आईपीडी सेवाओं पर भी पड़ा। एसएमएस हॉस्पिटल में ही जहां रोजाना 200 से ज्यादा ऑपरेशन होते हैं। 50 फीसदी ही रह गए। वहीं, प्रमुख जांचें जिनमें रेजिडेंट की भूमिका रहती है। वहां भी काम प्रभावित रहा।
इमरजेंसी में भी हालात खराब
ओपीडी सेवाएं प्रभावित होने का असर इमरजेंसी सेवाओं पर देखने को मिल रहा है। यहां मरीजों की भीड़ बढ़ गई। एसएमएस हॉस्पिटल की इमरजेंसी में डॉक्टरों की संख्या कम होने और मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ने का असर यहां की सर्विस पर देखने को मिला।
अजमेर में निकाली रैली
अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स के द्वारा जेएलएन अस्पताल से रैली निकाली गई। रैली विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस मेडिकल कॉलेज पर आकर समाप्त हुई। इस दौरान डॉक्टर्स के द्वारा ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।
जेएलएन मेडिकल कॉलेज रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डॉ दिलराज मीणा ने बताया कि इमरजेंसी के बाहर से यह रैली की शुरुआत की गई। जो विभिन्न मार्गो से होते हुए मेडिकल कॉलेज पर समाप्त हुई। इस रैली के जरिए भारत की बेटी को न्याय दिलवा कर आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर्स ने संपूर्ण कार्य बहिष्कार किया। इमरजेंसी सेवाओं को भी बंद कर दिया। जेएलएन अस्पताल के सीनियर डॉक्टर के द्वारा भी कोलकाता में हुई घटना के विरोध में शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर काम किया गया।
जोधपुर में चार दिन से हड़ताल पर डॉक्टर
जोधपुर के रेजिडेंट डॉक्टर चार दिन से हड़ताल पर हैं। सभी सेंट्रल प्रोटेक्शन बिल की मांग कर रहे हैं। एम्स हॉस्पिटल व डॉ संपूर्णानंद (एसएन) मेडिकल कॉलेज के बाहर स्टूडेंट धरना लगाकर बैठे है। शुक्रवार को सभी रेजिडेंट्स ने शहर के मुख्य मार्ग से विरोध रैली निकाली। मेडिकल कॉलेज रेजिडेंट अध्यक्ष डॉ. रविंद्र चारण ने बताया- सेंट्रल प्रोटेक्शन बिल की मांग को लेकर एम्स व मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट हड़ताल कर रहे है। हर दिन विरोध को स्टूडेंट अलग – अलग तरीके के जता रहे है।
बीकानेर में 500 रेजिडेंट हड़ताल पर
बीकानेर में हड़ताल चल रही है। पीबीएम हॉस्पिटल में रेजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर है। डॉक्टरों ने इमरजेंसी वार्ड में भी जाना बंद कर दिया है। ऐसे में गंभीर मरीजों की हालत बिगड़ गई है। उधर, सीनियर डॉक्टरों को इमरजेंसी वार्ड में तैनात किया गया है। हॉस्पिटल में करीब सौ मरीजों के ऑपरेशन टल गए हैं। प्लांड ऑपरेशन भी टाल दिए गए हैं।
हॉस्पिटल के आउटडोर में मरीजों की भीड़
रेजीडेंट डॉक्टरों की ओर से गुरुवार शाम को बारिश के बीच भी कैंडल मार्च निकाला गया। हड़ताल के चलते अब आउटडोर और इनडोर दोनों सेवा प्रभावित है। हॉस्पिटल के आउटडोर में भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
पीबीएम हॉस्पिटल में इस समय करीब पांच सौ रेजीडेंट डॉक्टर है। इनके भरोसे हॉस्पिटल चल रहा है। अस्पताल के ट्रोमा, हार्ट, मेडिसिन, सर्जरी सहित सभी आईसीयू में रेजीडेंट डॉक्टर ही व्यवस्था को संभालते हैं लेकिन अब इनके नहीं होने से अव्यवस्था हो गई है।
आंदोलन रहेगा जारी
रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसएिशन के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत यादव ने बताया- सीनियर, जेआर और इंटर्न ने भी इस हड़ताल को अपना समर्थन दे दिया है। ऐसे में आगे भी आंदोलन जारी रहेगा। राजस्थान डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर अगला कदम उठाया जाएगा।
कोटा में डॉक्टर्स ने एक घंटे कार्य बहिष्कार किया
कोटा में डॉक्टर्स ने आज 1 घंटे आउटडोर सेवाओं का बहिष्कार रखा। काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। राष्ट्रीय चिकित्सक सुरक्षा कानून लागू करने की मांग दोहराई। डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार से ग्रामीण इलाकों में सीएचसी, पीएचसी पर एक घंटे मरीज इंतजार करते रहे। सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिव डॉ दुर्गा शंकर सैनी व जिला महासचिव डॉ राजेश सामर ने बताया- कोलकाता में न्याय की मांग को लेकर प्रोटस्ट कर रहे स्टूडेंट्स व डॉक्टर्स पर भीड़ ने हमला किया। सबूत मिटाने की कोशिश की। घटना को लेकर ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ गवर्नमेंट डॉक्टर्स (AIFGDA) के आह्वान पर जिले 300 के करीब सेवारत डॉक्टर्स ने आज सुबह 8 से 9 बजे तक सभी सीएचसी, पीएचसी, जिला हॉस्पिटल, एमबीएस, जेके लोन, न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, सुपर स्पेशयलिटी हॉस्पिटल में आउटडोर सेवाओं का बहिष्कार रखा।
श्रीगंगानगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से जुड़े रेजिडेंट डॉक्टर्स ने नारेबाजी कर रोष जताया। इनका कहना है कि ट्रेनी डॉक्टर के साथ जो कुछ हुआ बेहद निंदनीय है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. आशीष व्यास ने बताया कि पश्चिम बंगाल में हुई घटना से डॉक्टर समुदाय में रोष है। घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। घटना के विरोध स्वरूप अभी एक दिन का विरोध प्रदर्शन किया गया है। इस दौरान सरकारी अस्पताल परिसर में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। इन्होंने किसी तरह की सेवाएं भी नहीं दीं।
हॉस्पिटल कैम्पस में इकट्ठा होकर किया प्रदर्शन
रेजिडेंट डॉक्टर्स शुक्रवार को सुबह करीब 9 बजे हॉस्पिटल कैंपस में इकट्ठा हो गए। इन लोगों ने ‘वी वांट जस्टिस’ सहित कई तरह के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
सेवारत डॉक्टर्स ने भी दिया समर्थन
रेजिडेंट डॉक्टर्स के विरोध प्रदर्शन को श्रीगंगानगर के सरकारी सेवा में काम कर रहे डॉक्टर्स ने भी समर्थन दिया। इन लोगों ने सुबह 8 बजे से 9 बजे तक ओपीडी का बहिष्कार किया। इससे ओपीडी में डॉक्टरों की सेवाएं सुबह 9 बजे से शुरू हो पाई। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह 9 बजे अस्पताल के अलग-अलग विभागों में रोगियों की भीड़ लग गई।
आज से सीकर में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी हड़ताल शुरू कर दी है। आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग और डॉक्टर्स प्रोटेक्शन कानून लागू करने की मांग को लेकर आज सीकर में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आक्रोश रैली निकाली।
रेजिडेंट डॉक्टर नरेंद्र शर्मा ने बताया कि बीते दिनों कोलकाता में रेजीडेंट डॉक्टर के साथ रेप करके निर्मम तरीके से हत्या की गई। जिसको लेकर संपूर्ण चिकित्सा समुदाय में चिंता और आक्रोश है। केवल कोलकाता ही नहीं बल्कि देश में अन्य जगह भी डॉक्टर्स के साथ इस तरह की कई घटनाएं होती हैं। ऐसे में डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर और आरोपियों को गिरफ्तार करके।फांसी की सजा की मांग को लेकर यह अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई है। जब तक कोई एक्शन नहीं होता है तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी।