मुनि नमि कुमार ने 85 दिनों में दो महातपस्याएं कर रचा इतिहास – मुनि कमल कुमार


गंगाशहर, 11 अप्रैल। तपस्वी मुनि नमि कुमार जी की गहन तपस्याओं की अनुमोदना उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी के सान्निध्य में श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुई। मुनिश्री कमल कुमार ने बताया कि उनके प्रिय सहयोगी मुनि नमि कुमार ने मात्र 85 दिनों के गंगाशहर प्रवास में दो विशाल तपस्याएं कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। गंगाशहर में 39 और 23 दिनों की दो महत्वपूर्ण तपस्याएं कर मुनिश्री ने न केवल कर्म निर्जरा की, बल्कि तेरापंथ धर्मसंघ की प्रभावना को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।



मुनि कमल कुमार जी ने बताया कि मुनि नमि कुमार तपस्या को और आगे बढ़ाना चाहते थे, परंतु मैंने उन्हें सुझाव दिया कि पहले 39 की लड़ी में जो शेष तपस्याएं हैं, उन्हें पूर्ण करें। वर्तमान में 23 दिन की तपस्या पूर्ण हो चुकी है और अब केवल तीन थोकड़े – 17, 22 और 24 दिन की तपस्याएं शेष हैं। इनके पूर्ण होने पर 39 दिन तक की सम्पूर्ण तपस्या श्रृंखला पूर्ण हो जाएगी।



इस विशेष अवसर पर मुनिश्री ने एक नवीन गीतिका की रचना कर उसका संगान किया और तपस्या वर्धापन को आत्मीयता से संपन्न किया। कार्यक्रम में मुनि श्रेयांस कुमार, विमल विहारी, प्रबोध कुमार, मुकेश कुमार सहित तोलाराम सामसुखा, धर्मेन्द्र डाकलिया, मनोज छाजेड़ एवं आराध्या गोलछा ने गीतों और वक्तव्यों के माध्यम से तपोनुमोदना की। साध्वी परमयशा और विनम्रयशा जी के दिव्य विचारों को मुनि प्रबोध कुमार जी ने भावपूर्ण स्वर में पढ़कर सुनाया, जिससे वातावरण तपोमय हो गया।