चेन्नई में मुनि श्री हिमांशु कुमार जी का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ
चेन्नई , 12 जुलाई। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री हिमांशु कुमार जी एवं मुनि श्री हेमंत कुमार जी ने बंगलोर से चेन्नई तक श्रावक समाज की सार-संभाल के उद्देश्य से घुमावदार विहार यात्रा करते हुए 2200 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के पश्चात आज चतुर्मास हेतु तेरापंथ भवन साहुकारपेट चेन्नई में भव्य रैली के साथ मंगल प्रवेश किया।
मुनि श्री हिमांशु कुमार जी के मांगलिक मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। उपस्थित जन समुदाय को उद्बोधन प्रदान करते हुए मुनि श्री ने कहा कि गुरु कृपा से हमने आठ महीने तक यात्रा का आनन्द लिया है। अब चार महीने साधना के साथ आनन्द की यात्रा करनी है।
चेन्नई प्रवेश से अब तक हमने श्रावकों के निवेदन पर उनके क्षेत्र व घरों का स्पर्श करते हुए उनकी प्रत्येक बात मानी है लेकिन अब श्रावक समाज की बारी है कि वह चतुर्मास के चार महीने पूरी जागरूकता के साथ संतों के सान्निध्य का न मात्र स्वयं लाभ उठाएं बल्कि अन्य व्यक्तियों को भी प्रेरित करे।
सहवर्ती मुनि श्री हेमंत कुमार जी ने कहा कि समय का महत्त्व समझते हुए उसका पूरा सदुपयोग करना चाहिए।अब परंपरागत तरीकों में बदलाव का समय है।सभी सदस्य व पदाधिकारी नाम का मोह त्याग कर काम पर ध्यान केंद्रित करें।
महिला मंडल व कन्या मंडल सदस्याओं द्वारा सामूहिक गीत के पश्चात स्वागत स्वर चेन्नई सभा के उपाध्यक्ष प्रथम हरीसिंह हीरावत ने प्रस्तुत किया।महिला मंडल अध्य्क्ष श्रीमती लता पारख, तेयुप अध्य्क्ष संदीप मूथा, तेरापंथ भवन साहुकारपेट ट्रस्ट बोर्ड के प्रधान न्यासी विमल चिप्पड़,तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम अध्य्क्ष प्रसन्न बोथरा,अणुव्रत समिति अध्यक्ष ललित आंचलिया आदि ने मुनि द्वय का स्वागत-अभिनदंन करते हुए भावनाओं की अभिव्यक्ति दी।
साध्वी श्री डॉ. गवेषणाश्री जी के मंगल कामना संदेश का वाचन सभा मंत्री गजेंद्र खाँटेड ने किया। मुनिश्री की सेवा में विशेष रूप से उपस्थित मुमक्षु दीप्ति का तेरापंथी सभा द्वारा साहित्य भेंट कर अभिनन्दन किया गया। मुमक्षु दीप्ति ने अपनी भावना व वैराग्य यात्रा के संस्मरण वक्तव्य के माध्यम से प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन तथा आभार ज्ञापन सभा मंत्री गजेंद्र खाँटेड ने किया।