बाफना स्कूल में राष्ट्रीय युवा साहित्य पुरस्कार से सम्मानित सोनाली का सम्मान हुआ
बीकानेर , 1 जुलाई। साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के इस वर्ष के युवा साहित्य पुरस्कार से सम्मानित सोनाली सुथार का बाफना स्कूल में सम्मान और संवाद का कार्यक्रम हुआ जिसमें उन्होंने स्कूल शिक्षक-शिक्षिकाओं को लेखनधर्म, व्यक्तित्व तथा शिक्षक की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए।
अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि शिक्षक साधारण नहीं होता, वह भविष्य का निर्माता होता है। सृजन और प्रलय, दोनों उसकी गोद में होते हैं। विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और हीन भावना की कमी होती है, जिसे एक शिक्षक ही दूर कर सकता है। क्योंकि उसके जीवन में शिक्षक का बड़ा प्रभाव होता है। एक शिक्षक, जामवंत की तरह होता है जो अपने विद्यार्थियों में उनकी शक्ति को टटोलता रहता है और उन्हें याद दिलाता रहता है कि उनकी शक्ति क्या है। वो अपने बच्चों को गलत और सही का भेद बखूबी बताकर उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।
उन्होंने कहा कि आज इस बात की जरूरत है कि बच्चे इमोशनल और स्पिरिचुअल इंटेलिजेंट के बारे में जाने और स्कूल इस दिशा में अपनी शानदार भूमिका का निर्वाह कर सकता है। हमें अपने विद्यार्थियों को इस बात को समझाना होगा कि वे जो कर रहे हैं, वो महत्वपूर्ण नहीं है। बल्कि ये महत्वपूर्ण है कि उसका उद्देश्य क्या है।
आज शिक्षा अपने उद्देश्य से भटक रही है और हमें उसको सही दिशा की तरफ वापस लाना होगा क्योंकि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तित्व और कौशल विकास है ना की रोजगार या नौकरी। उन्होंने कहा कि बच्चों के सपने को एक शिक्षक ही प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से से साकार करने में उसका पथ प्रदर्शक और सारथी होता है इसलिए इस दिशा में एक टीचर को हमेशा जागरूक रहना चाहिए। उसे अपने बच्चों की रुचि को समझकर उसे आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कला का क्षेत्र अत्यधिक गहराई का होता है उसे कोई माप नहीं सकता अतः बिना भाव और मन के किया गया लेखन कार्य हमेशा बिना महक का ही होता है।
स्कूल के सीईओ डॉ पीएस वोहरा बताया कि बीकानेर के लिए यह गर्व की बात है कि सुश्री सोनाली सुथार को उनकी काव्य कृति ‘ सुध सोधूं जग आँगणे ‘ को साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के इस वर्ष के युवा साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एक स्कूल के रूप में बाफना स्कूल अपने इस सामाजिक सरोकार की भूमिका को गहराई से समझता है इसीलिए ये संवाद का कार्यक्रम हम सभी को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
कार्यक्रम में विख्यात वास्तुविद आरके सुथार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। स्कूल प्रबंधन की ओर से सीईओ डॉ पीएस वोहरा ने सुश्री सोनाली सुथार का सम्मान किया।