अब इस बैंक पर आई बड़ी मुसीबत, जानिए अगर कोई बैंक डूब जाए तो FD का पैसा कितना सुरक्षित?


मुंबई , 13 मार्च। इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) में हाल ही में सामने आई गड़बड़ी ने बैंक के ग्राहकों और निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। बैंक के शेयरों में भारी गिरावट और फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़ी गड़बड़ी ने लोगों के मन में सवाल उठाए हैं कि अगर बैंक डूब जाए तो उनकी एफडी और जमा राशि सुरक्षित रहेगी या नहीं? इस मामले में लोगों को याद आ रहा है 2020 में हुए यस बैंक संकट का हालात। यह खबर उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी जमा पूंजी बैंकों में रखते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अपनी बचत फिक्स्ड डिपॉजिट्स (FD) के रूप में जमा की हुई है। आइए जानते हैं कि जब बैंक संकट में पड़ते हैं तो आपके पैसे की सुरक्षा के बारे में क्या नियम हैं और क्या आप चिंता मुक्त रह सकते हैं।



इंडसइंड बैंक के शेयरों में भारी गिरावट


इंडसइंड बैंक के शेयरों में हाल ही में आई गिरावट ने पूरे बाजार को हिला कर रख दिया। 5 दिन की लगातार गिरावट के बाद मंगलवार को बैंक के शेयर 27% तक गिर गए। एक समय जो शेयर 1,576 रुपये तक था, वो गिरकर 656 रुपये पर पहुंच गया। इस गिरावट का कारण बैंक के फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में हुई गड़बड़ी बताया गया है। इस गड़बड़ी के चलते लगभग 1,577 करोड़ रुपये की रकम प्रभावित हुई। यह घटना बैंक के लिए चिंता का कारण बनी है, क्योंकि अब बाजार में इसके भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।
क्या हो रहा है इंडसइंड बैंक में?
इंडसइंड बैंक के वित्तीय संकट के कारण और इसमें आई गड़बड़ी के कारण बैंक की प्रतिष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं। निवेशकों का विश्वास टूट रहा है और बैंक के शेयरों की कीमत गिर रही है। इससे पहले भी, यस बैंक के संकट ने निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बनाया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इंडसइंड बैंक भी यस बैंक की तरह संकट में फंसा हुआ है, और अगर ऐसा हुआ तो बैंक डूबने की स्थिति में आपके पैसे की सुरक्षा कैसे होगी।
यस बैंक की याद क्यों आ रही है?
कई लोग अब इंडसइंड बैंक की गड़बड़ी को देख कर यस बैंक के संकट को याद कर रहे हैं। 2020 में, यस बैंक पर कई आरोप लगे थे और इसकी वित्तीय स्थिति बिगड़ने के कारण इसे आरबीआई की निगरानी में रखा गया। यस बैंक के शेयरों में भारी गिरावट आई और निवेशकों के पैसे फंस गए। इसके बाद सरकार और आरबीआई ने बैंक को बचाने के लिए कदम उठाए थे। हालाँकि, यस बैंक के संकट के समय भी यह स्पष्ट किया गया था कि बैंक के जमा कर्ताओं का पैसा सुरक्षित रहेगा, लेकिन इस स्थिति ने लोगों में बैंकिंग प्रणाली को लेकर भय पैदा कर दिया।