एनआरसीसी द्वारा बीकानेर के देशनोक गांव में पशुपालन प्रशिक्षण एवं प्रदर्शनी कार्यक्रम आयोजित
बीकानेर , 23 दिसम्बर। भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर द्वारा स्वच्छता पखवाड़े के तहत नाबार्ड बीकानेर के सहयोग से आज दिनांक 23 दिसम्बर, 2024 को विशेष किसान दिवस के उपलक्ष्य गांव देशनोक, बीकानेर में पशुपालन प्रशिक्षण एवं प्रदर्शनी कार्यक्रम आयोजित किया गया । केन्द्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देशनोक एवं आस-पास क्षेत्र के 30 पशुपालकों ने अपने पशुओं यथा- गाय 112, ऊँट 14 व भैंस 19 कुल 145 हेतु दवाओं आदि का वितरण किया गया तथा उन्हें उचित परामर्श देकर पशुओं में होने वाले रोगों के बचाव हेतु जागरूक किया गया । इस अवसर पर पशुपालकों के समक्ष थनैला रोग की पहचान हेतु केन्द्र द्वारा तैयार किट (विधि) तथा स्वच्छ दूध उत्पादन प्रणाली का प्रदर्शन भी किया गया ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान केन्द्र के डॉ. श्याम सुंदर चौधरी ने ‘सर्दियों में पशु रोगों की रोकथाम और नियंत्रण’ पर व्याख्यान के तहत कहा कि इस सर्दी के मौसम को देखते हुए पशुपालक भाई अपने पशुओं तथा खासकर पशुओं के बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष सजगता बरतते हुए इस हेतु उचित प्रबंधन करें।
एनआरसीसी के वैज्ञानिक डॉ. शान्तनु रक्षित ने केन्द्र की प्रचार-प्रसार गतिविधियों पर विस्तृत प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने ‘स्वच्छ दूध उत्पादन’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि न केवल मानव अपितु पशुओं के संदर्भ में भी स्वच्छता का विशेष ख्यान रखा जाना चाहिए ताकि पशु स्वस्थ रहें एवं उनसे अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकें ।
इस अवसर पर श्री रमेश ताम्बिया, जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड, बीकानेर ने ‘किसानों के सशक्तिकरण के लिए नाबार्ड के प्रयास’ विषय पर अपनी बात रखते हुए नाबार्ड द्वारा पशुपालकों एवं किसानों हेतु संचालित विभिन्न प्रायोजित कल्याणकारी योजनाएं की जानकारी दी ।
केन्द्र निदेशक डॉ. आर.के.सावल, देशनोक में आयोजित इस विशेष किसान दिवस हेतु गए केन्द्र वैज्ञानिक दल से लगातार जुड़ें रहे तथा उन्होंने कहा कि स्वच्छता पखवाड़े के तहत आयोजित यह गतिविधि किसी सुअवसर की भांति है, इसके माध्यम से केन्द्र द्वारा ग्रामीण अंचल में स्वच्छता के प्रति विशेष रूप से प्रेरित किया गया। उन्होंने नाबार्ड का इस गतिविधि से जुड़ना बताया ।
इस अवसर पर केन्द्र के डॉ. विनोद कुमार यादव, वरिष्ठ तकनीकी सहायक ने पशुपालकों को ‘रेगिस्तानी क्षेत्रों में खेती के साथ-साथ खनन क्षेत्रों में खेती की चुनौतियां और अवसर’ विषयक जानकारी प्रदान की ।