संसद में मतदान नहीं हुआ, फिर भी लोकसभा स्पीकर चुने गए ओम बिरला- जाने कैसे ?
नयी दिल्ली , 26 जून। भाजपा सांसद ओम बिरला को लोकसभा का नया स्पीकर चुन लिया गया है। लोकसभा स्पीकर पद के लिए ओम बिरला ध्वनि मत से चुने गए हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार ओम बिरला ने कांग्रेस के कोडिकुन्नील सुरेश को बुधवार को चुनाव में हरा दिया है। उनका मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार के. सुरेश से था. लेकिन खास बात ये है कि दोनों के लिए संसद में मतदान नहीं हुआ, बल्कि ध्वनि मत से ही बिड़ला स्पीकर चुन लिए गए. माना जा रहा था कि स्पीकर पद के लिए वोटिंग होगी, लेकिन ये प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया. आइए, जानते हैं कि संसद में ध्वनि मत की क्या प्रक्रिया होती है.
क्या होता है ध्वनि मत?
जब सदन में सांसदों की ध्वनि के आधार पर बहुमत का निर्णय होता है, तो इसे ध्वनि मत कहा जाता है. ध्वनि मत के आधार पर प्रस्ताव पारित कर दिया जाता है. आमतौर पर ध्वनि मत तभी पारित होता है जब किसी पक्ष को भारी समर्थन मिल रहा होता है. ऐसा ही ओम बिड़ला के साथ हुआ. उनका चुनाव जीतना पहले से ही था, क्योंकि NDA के पास स्पीकर पद का चुनाव जीतने के लिए भारी बहुमत था. ध्वनि मत से चुनाव होने के बाद किसी प्रस्ताव पर मतदान नहीं होता.
पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी नए स्पीकर ओम बिरला को परंपरा के अनुसार, आसन तक लेकर गए। 18 वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद भाजपा सांसद ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे। लगातार दूसरी बार ओम बिरला लोकसभा स्पीकर पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। लोकसभा स्पीकर का चुनाव होते ही प्रोटेम स्पीकर भृतहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया।
विपक्ष चाहता था मतदान हो
विपक्ष ने मतदान की मांग की थी. विपक्ष के स्पीकर पद के उम्मीदवार के. सुरेश ने चुनाव से पहले मीडिया से बातचीत में कहा था कि हम ध्वनि मत का समर्थन नहीं करते, हम वोटिंग चाहते हैं. लेकिन प्रोटेम स्पीकर ने विपक्ष की वोटिंग की मांग को खारिज कर दिया.
PM मोदी ने प्रस्ताव रखा, प्रोटेम स्पीकर ने विजयी घोषित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने ध्वनि मत से बिड़ला को विजयी घोषित कर दिया. फिर पीएम मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी बिड़ला को आसंदी तक छोड़ने भी गए. मोदी और राहुल ने ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष बनने पर बधाई भी प्रेषित की.
ओम बिरला को लोकसभा का नया स्पीकर चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “यह सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर विराजमान हो रहे हैं…आपको मेरी और इस पूरे सदन की तरफ से बहुत शुभकामनाएं… अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कालखंड में दूसरी बार इस पद पर विराजमान होना बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है…हम सबका विश्वास है कि आप आने वाले 5 साल हम सबका मार्गदर्शन करेंगे…”। ओम बिरला को स्पीकर चुने जाने पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा, ”मैं पूरे सदन को बधाई देता हूं, हम सभी का विश्वास है कि आने वाले पांच साल में आप हमारा मार्गदर्शन करेंगे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पीकर निर्वाचित होने पर ओम बिरला को बधाई दी। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “मैं आपको दूसरी बार चुने जाने के लिए बधाई देना चाहता हूं। मैं आपको पूरे विपक्ष और INDIA गठबंधन की तरफ से बधाई देना चाहता हूं। यह सदन भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज़ के अंतिम निर्णायक हैं। सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष ने पिछली बार की तुलना में भारतीय लोगों की आवाज़ का अधिक प्रतिनिधित्व किया है। विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा। हम चाहते हैं कि सदन अक्सर और अच्छी तरह से चले। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विश्वास के आधार पर सहयोग हो। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विपक्ष की आवाज़ को इस सदन में प्रतिनिधित्व दिया जाए।”
राहुल गांधी ने कहा, “हमें विश्वास है कि विपक्ष को बोलने की अनुमति देकर, हमें भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देकर, आप भारत के संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएंगे। मैं एक बार फिर आपको और सदन के सभी सदस्यों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने चुनाव जीता है।”
समाजवादी पार्टी सांसद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “मैं लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बहुत बधाई देता हूं…जिस पद पर आप बैठे हैं इससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं…लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आप हर सासंद और हर दल को बराबरी का मौका और सम्मान देंगे। निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है…हम सबकी अपेक्षा है कि किसी भी जनप्रतिधि की आवाज ना दबाई जाए…”।
लोकसभा स्पीकर के चुनाव में उतरने के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने अंतिम समय में तब फैसला लिया जब बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने इस पूर्व शर्त को नहीं माना कि एनडीए के उम्मीदवार बिरला का समर्थन करने के ऐवज में गठबंधन ‘इंडिया’ को डिप्टी स्पीकर का पद दिया जाना चाहिए।
इससे पहले स्पीकर का चुनाव निर्विरोध होता आ है लेकिन इस बार विपक्ष डिप्टी स्पीकर पद की मांग कर रहा है। सरकार की तरफ से मांगे नहीं माने जाने पर विपक्ष भी अपनी ताकत दिखा रहा है। संख्या बल के हिसाब से ओम बिरला का चुना जाना लगभग तय है। लोकसभा स्पीकर पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार (25 जून) को आम सहमति नहीं बन सकी, जिसके बाद चुनवा का फैसला हुआ। आमतौर पर लोकसभा स्पीकर आम सहमति से चुन लिया जाता है। ऐसा तीसरी बार होगा जब लोकसभा में स्पीकर के पद के लिए चुनाव होगा।
लोकसभा स्पीकर पद के लिए एनडीए की तरफ से बीजेपी सांसद ओम बिरला और कांग्रेस के कोडिकुन्नील सुरेश के बीच मुकाबला था। बिरला और सुरेश ने मंगलवार को एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया के उम्मीदवारों के तौर पर अपना नामांकन पत्र भी दाखिल किया था। वह राजस्थान के कोटा से तीन बार के सांसद हैं, जबकि के सुरेश केरल की मावेलीकारा सीट से आठ बार के सांसद हैं।
सांसदों को जारी किया गया था व्हिप
स्पीकर के चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है। कांग्रेस ने मंगलवार को अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर उनसे बुधवार को यानी आज लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान सुबह 11 बजे उपस्थित रहने को कहा। सुरेश स्पीकर पद के लिए विपक्षी भारतीय ब्लॉक के संयुक्त उम्मीदवार भी हैं। उनका मुकाबला एनडीए के ओम बिरला से है।
कांग्रेस के मुख्य सचेतक के. सुरेश द्वारा जारी व्हिप में कहा गया था, “लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे कृपया 26 जून, 2024 को सुबह 11 बजे से सदन के स्थगित होने तक सदन में उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें।” वहीं, बीजेपी ने भी अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए सत्र के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
बिना बताए उम्मीदवार उतारने से ममता थी नाराज
स्पीकर चुनाव को लेकर टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रुख पर सस्पेंस बना हुआ है। सूत्रों का दावा है कि ममता सुबह 9.30 बजे कांग्रेस को अपना फैसला बताएंगी। बिना बात किए उम्मीदवार उतारने से वह नाराज हैं। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, जिसके उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस सांसद के सुरेश को मैदान में उतारा गया है।
राजीव प्रताप रूडी ने दिया था ये संकेत
इस बीच बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि स्पीकर का पद संवैधानिक पद है और हम सब इस बात को मानते हैं कि स्पीकर सबके होते हैं। आज एनडीए के पास बहुमत है और सबकी इच्छा है कि सहमति के साथ लोकसभा अध्यक्ष बने। हमारा मानना है कि हम एक बड़ी सहमति की ओर बढ़ रहे हैं और विपक्ष भी इस दिशा में विचार कर रहा है।
मांझी ने कही थी ये बात
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि स्पीकर किसी पार्टी का पद नहीं है, स्पीकर पूरे संसद का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां बहुमत को मानना चाहिए। बहुत से राज्यों में जिसकी सरकार होती है उसके स्पीकर व डिप्टी स्पीकर होते हैं लेकिन वे(विपक्ष) चाहते हैं कि डिप्टी स्पीकर पर पहले ही फैसला हो जाए। हमारा कहना है कि पहले स्पीकर पर फैसला हो जाए जब डिप्टी स्पीकर की बात होगी तो बैठकर तय कर लिया जाएगा, इसी पर सहमति नहीं बनी है।
के. सुरेश ने लगाया था ये आरोप
इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के. सुरेश ने कहा कि हम ‘हारें या जीतें पता नहीं, लेकिन लड़ेंगे। डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष का अधिकार है। हमें सरकार डिप्टी स्पीकर का पद नहीं दे रही है। इसलिए हम चुनाव लड़ रहे हैं।
बीजेपी के पास संख्या नहीं- अभिषेक बनर्जी
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “नियम कहता है कि अगर सदन का कोई सदस्य मत विभाजन की मांग करता है. तो इस मामले में प्रोटेम स्पीकर को मत विभाजन की अनुमति देनी होती है। आप लोकसभा के फुटेज में साफ तौर पर देख और सुन सकते हैं कि विपक्षी खेमे के कई सदस्यों ने मत विभाजन की मांग की और मत विभाजन के लिए प्रस्ताव को वोटिंग के लिए रखा और प्रस्ताव को वोटिंग के बिना ही स्वीकार कर लिया गया। यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि सत्तारूढ़ दल, भाजपा के पास संख्या नहीं है। यह सरकार बिना संख्या के चल रही है। यह अवैध, अनैतिक, अनैतिक और असंवैधानिक है और देश के लोगों ने उन्हें पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह बस समय की बात है कि उन्हें फिर से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा…”
कांग्रेस ने मत विभाजन की मांग नहीं की
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी पार्टी की तरफ से लोकसभा में मत विभाजन की मांग नहीं की गई। उन्होंने कहा, “… मैं आपको औपचारिक रूप से बता रहा हूँ, हमने मत विभाजन की मांग नहीं की… हमने इसकी मांग इसलिए नहीं की क्योंकि हमें यह उचित लगा कि आज पहले दिन सर्वसम्मति हो, पहले दिन सर्वसम्मति का माहौल हो। यह हमारी ओर से एक रचनात्मक कदम था। हम मत विभाजन की मांग कर सकते थे।”