संगत, सलाहकार और संस्कार सही होने से लाइफ बनती सक्सेसफुल : साध्वी डॉ गवेषणाश्री
- साध्वीवृन्द के चेन्नई महानगर सीमा में प्रवेश पर आवड़ी में समायोजित हुआ अभिनन्दन समारोह
चेन्नई , 17 अप्रैल।( स्वरुप चन्द दांती ) ‘सही संगत’ से ही हमारी वेल्यू बढ़ती है, एक के साथ जुड़ने पर शून्यों की तरह हम भी मूल्यवान बनते हैं। अतः अपना ग्रुप सर्कल अच्छे दोस्तों, व्यक्तियों के साथ होना चाहिए। उपरोक्त विचार एस एस जैन भवन, आवड़ी में चेन्नई महानगर प्रवेश पर समायोजित अभिनन्दन समारोह में आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी डॉ गवेषणाश्री ने धर्मपरिषद् में कहें।
गुड़ मेंन बनने, सक्सेसफुल लाइफ के लिए प्रेरक प्रेरणा देते हुए दूसरे बिन्दु पर साध्वीश्री ने आगे कहा कि कार्य की प्रगति, निर्देशन, डायरेक्शन के लिए हमें सही सलाहकार अपने पास रखने चाहिए।
तीसरे एवं महत्वपूर्ण बिन्दु पर साध्वीश्री ने कहा कि हमारे संस्कार सम्यक् होने चाहिए। सम्यक् ज्ञान से ही सम्यक् चारित्र होता है। हमारा खानपान शुद्ध, सात्विक होना चाहिए। संस्कारवान होने से परिवार, समाज, देश सम्पन्न होता है।
आगामी माधावरम्, चेन्नई चातुर्मासिक प्रवास के लिए चेन्नई महानगर प्रवेश पर साध्वीश्री ने प्रसन्नता प्रकट की, कि हम गुरुदेव के आज्ञानुसार आज चेन्नई शहर में सुमंगल प्रवेश कर रहे हैं। अपनी दीक्षा के 22 वर्ष पश्चात अपने संसारपक्षिय ननिहाल क्षेत्र आवड़ी में आने पर साध्वी श्री मैरुप्रभा ने अपने विचारों के साथ कहा कि जागों, निन्द त्यागों … इन संतों में झलक अरिहंतों की।
संत सम्पदा से ही भारतीय संस्कृति जीवंत सस्कृति
साध्वी श्री मंयकप्रभा ने कहा कि भारतीय संस्कृति के पास ग्रंथ, पंथ और संत रुपी तीन सम्पदाएँ है। इनमें से महत्वपूर्ण संत सम्पदा से ही भारतीय संस्कृति जीवंत सस्कृति है। साध्वी श्री दक्षप्रभा ने ‘दक्षिण की भूमि बलवीरों की, ऋषि मुनियों का क्या कहना’ सुमुधुर स्वर लहरी से माहौल को संगीतमय बना दिया।
विश्व में संमार्ग दिखाने में चारित्र आत्माओं का विशेष योगदान
मुख्य व्यक्ता जवाहरलाल कर्णावट ने कहा कि विश्व में संमार्ग, सुपथ दिखाने में चारित्र आत्माओं का विशेष योगदान है। जीवन में कौनसे समय, कौनसा ट्रनिंग पॉइंट आ जाये, मालूम नहीं पड़ता, अतः सत्पथगामी बनने के लिए अटूट श्रद्धा के साथ महापुरुषों का अनुसरण करना चाहिए। आपने तेरापंथ एवं उनकी आचार्य परम्परा के बारे में बताते हुए कहा कि आज युगानुरूप परिवर्तन और अनुशासन के कारण तेरापंथ, जैन धर्म का पर्याय बना हुआ है।
इससे पूर्व प्रातः शुभ वेला में आवड़ी के मुख्य मार्गों से होती हुई अहिंसा रैली के साथ साध्वीवृन्द ने एस एस जैन संघ भवन प्रवेश किया। नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
अभिवन्दना के स्वर
मंगलाचरण आवड़ी बोहरा परिवार की बहुओं-बेटियों ने प्रस्तुत किया। स्वागत स्वर आवड़ी संघ से मदनलाल बोहरा, तेरापंथ समाज की संघीय संस्थाओं से सभाध्यक्ष उगमराज सांड एवं माधावरम् तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड के प्रबन्धन्यासी घीसूलाल बोहरा ने दिया।
अम्बत्तूर एवं आवड़ी ज्ञानाशाला ने लघुनाटिका के माध्यम से शानदार रुप से मनुष्य जन्म के महत्व को समझाया, जिसे पुरी परिषद् ने ऊँ अर्हम् की ध्वनि से सराहा। ज्ञानाशाला प्रशिक्षिकाओं ने गीतिका का संगान किया। श्रीमती लता बोहरा ने अपनी नातीली साध्वी श्री मैरुप्रभा के साथ सभी साध्वीवृन्द की अभिवन्दना में स्वर प्रस्तुत किये।
जैन महासंघ के अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया ने अपने विचारों के साथ आगामी 21 अप्रैल को जैन दादावाड़ी में समायोजित सामुहिक भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव पर सभी को उपस्थित होने का निमंत्रण दिया। साहुकारपेट तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड के प्रबन्धन्यासी विमल चिप्पड़, ट्रिप्लीकेन के प्रबन्धन्यासी सुरेश संचेती, साध्वीश्री के नातीजन कोप्पल जैन संघ के मंत्री पारसमल जीरावला इत्यादि ने भी विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रवीण सुराणा ने किया। आभार ज्ञापन माधावरम् ट्रस्ट से मंत्री पुखराज चोरड़िया और एस एस जैन संघ, आवड़ी से कोषाध्यक्ष हीरालाल रांका ने दिया। त्याग प्रत्याख्यान, मंगलपाठ के साथ अभिवन्दना समारोह परिसम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सभी संघीय संस्थाओं के पदाधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों, श्रावक समाज ने साध्वीवृन्द का भावपूर्ण अभिवन्दना की। माधावरम् ट्रस्ट बोर्ड की ओर से मुख्य व्यक्ता, अतिथियों, बोहरा परिवार और सुन्दर व्यवस्था देने वाले एस एस जैन संघ का सम्मान किया गया।