अपनों का ऑपरेशन लोटस ! बीजेपी में इस्तीफों का दौर शुरू
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नई दिल्ली, 11 फ़रवरी । तो क्या ऑपरेशन लोटस की नजर अपनों पर है! लग कुछ ऐसा ही रहा है। मणिपुर के सीएम के इस्तीफे के बाद अब बारी हरियाणा और राजस्थान की है। हरियाणा में अनिल विज और राजस्थान में किरोणी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस दिया गया है। बीजेपी में अनुशासनहीनता का मतलब इस्तीफा होता है। इन दोनों नेताओं को तीन दिनों के भीतर अपना जवाब देना है। विज ने सीएम सैनी की कार्यशैली पर सवाल उठाये थे तो मीणा का मामला फोन टैपिंग से जुड़ा बताया जा रहा है।
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राजस्थान में किरोड़ी पर रार
राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के खिलाफ अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया है। जानकारी के मुताबिक, कथित फोन टैपिंग प्रकरण से जुड़े मामले में किरोड़ीलाल मीणा को ये नोटिस जारी किया गया है। किरोड़ीलाल मीणा को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए उनसे तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।
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विज की नाराजगी के बड़े कारण
अनिल विज ने कई बार कहा है कि कुछ स्थानीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने उन्हें विधानसभा चुनाव में हराने की कोशिश की। इसके लिए लिखित में भी दिया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अम्बाला डीसी रहे पार्थ गुप्ता से विज नाराज थे। बाद में उनकी बदली यमुनानगर में की गई। सीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी पर भी विज का नजला गिरा। अम्बाला सदर थाने के एक एचएसओ को सस्पेंड करने की सिफारिश विज ने की, लेकिन डीजीपी ने कार्रवाई नहीं की। कैथल व सिरसा में ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग के दौरान जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड करने की सिफारिश की, विभाग ने कार्रवाई नहीं की।
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ऑपरेशन हरियाणा
हरियाणा के सबसे सीनियर लीडर अम्बाला कैंट से सातवीं बार विधायक पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शामिल और नायब मंत्रिमंडल में प्रोटोकॉल के हिसाब से भी सबसे वरिष्ठ मंत्री अनिल विज पर गाज गिरनी तय है। दिल्ली विधान सभा चुनाव के नतीजों के दो दिन बाद हरियाणा सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशों के बाद प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने विज से तीन दिन में जवाब मांगा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के प्रति की गई बयानबाजी के मामले में विज को यह नोटिस दिया गया है। भाजपा नेतृत्व ने विज की बयानबाजी को इसलिए अधिक गंभीरता से लिया है, क्योंकि बयान उस समय आए जब पूरा केंद्रीय नेतृत्व और हरियाणा के अधिकांश नेता दिल्ली के चुनाव में व्यस्त थे।
यूपी तक पहुंचेगी इस्तीफों की आग
राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो इस्तीफो का बवंडर यूपी तक पहुंचेगा। उत्तर प्रदेश में भी काफी लंबे समय से मंत्रीमंडल विस्तार के साथ सगंठन में खटपट की खबरें शीर्ष नेतृत्तव तक पहुंच रही है। शीर्ष नेतृत्तव समझा—बुझाकर काफी लंबे समय से काम चला रहा है। लेकिन अनिल विज और किरोणी लाल मीणा को जारी नोटिस इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि पानी सर से उपर बह रहा है। हाल ही में समपन्न यूपी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार और कुंभ हादसे ने सरकारी कु्प्रबंधन की पोल खोल दी है। ऐसे में यूपी राज्य से भी कई महत्वपूर्ण नेताओं के इस्तीफे इस बार तय माने जा रहे हैं।
इसी तरह काम करती है बीजेपी
बीजेपी के वर्क कल्चर को समझे तो आसानी से समझ में आ जाएग कि बीजेपी में इसी तरह से कार्य किया जाता है। कल्याण सिंह आदि का प्रकरण साफ है। पार्टी आलाकमान पहले व्यक्ति को ठीक होने का पूरा समय देता है। यदि राजनेता स्वंय को सुधार ले और मिल रही शिकायतों को ठीक कर लें तो सब ठीक वर्ना एक झटके में पर कतर दिये जाते हैं।