श्मशान में ऐसा क्या हुआ, जो शव छोड़ अंतिम संस्कार किए बिना चीखते-चिल्लाते भागे लोग, मंदिर में छिपना पड़ा


जोधपुर, 24 अप्रैल। राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां क्षेत्र में बुधवार को एक अनोखा और डरावना हादसा देखने को मिला, जब अंतिम संस्कार के दौरान उठे धुएं ने मधुमक्खियों को उकसा दिया और श्मशान घाट पर मौजूद लोगों पर अचानक हमला कर दिया। इस हमले में कई ग्रामीण घायल हो गए, जिनमें कुछ को अस्पताल तक ले जाना पड़ा।



अंतिम संस्कार के लिए पूरा गांव पहुंचा था श्मशान
घटना बुधवार सुबह की है, जब खिंदाकोर देवराज नगर में 21 वर्षीय युवक देवीसिंह की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए गांव वाले श्मशान घाट पहुंचे। देवीसिंह खेती और पशुपालन का काम करता था और मंगलवार शाम अत्यधिक गर्मी के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। अस्पताल ले जाते वक्त डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


बचाओ बचाओ की आवाज से शमशान गूंज गया
अगले दिन जैसे ही शवयात्रा श्मशान पहुंची और अंत्येष्टि के लिए परंपरागत हांडी जलाई गई, उसका धुआं पास ही मौजूद एक पेड़ पर बने मधुमक्खियों के बड़े छत्ते तक जा पहुंचा। धुएं से परेशान होकर मधुमक्खियां अचानक उड़ने लगीं और भीड़ पर हमला कर दिया। देखते ही देखते श्मशान घाट में अफरा तफरी मच गई । गांव के लोग चीखते चिल्लाते इधर-उधर भागने लगे। बचाओ बचाओ की आवाज से शमशान गूंज गया । इस दौरान कुछ लोगों को पास में स्थित बाबा रामदेव का मंदिर दिखा , तो उन्होंने वहां जाकर शरण ली। वहां पास में ही स्थित एक छोटे सरकारी अस्पताल के नर्सिंगकर्मी ने तुरंत मच्छरदानियां उपलब्ध कराईं, जिससे कई लोगों की जान बच सकी।
दो घंटे बाद जलाई गई चिता
हमले में धनेसिंह राठौड़, हरि सिंह राठौड़ और आईदानसिंह भाटी को गंभीर मधुमक्खी डंक लगे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। करीब दो घंटे बाद स्थिति सामान्य होने पर शव का कुछ दूरी पर अंतिम संस्कार किया गया।
पहली बार देखा मधुमक्खियों का इतना खतरनाक हमला
ग्रामीणों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में मधुमक्खियों का हमला उन्होंने पहली बार देखा। अब प्रशासन से अपील की जा रही है कि श्मशान घाट के आसपास मधुमक्खियों के छत्तों को हटाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।