प्रतिदिन पंचमहायज्ञ करने से चित्त शुद्धि होती है-श्रीविमर्शानंदगिरि जी महाराज
बीकानेर, 19 जुलाई। परम पूज्य ब्रह्मलीन श्रीस्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज के पवित्र कृपामय प्रवाह के अन्तर्गत श्री-गुरु-व्यास पूर्णिमा का दो दिवसीय महोत्सव, मंदिर अधिष्ठाता पूज्य स्वामी विमर्शानंदगिरि जी महाराज के सान्निध्य में हर्षोंल्लास के साथ सम्पन्न हो गया।
शनिवार, 20 जुलाई को सायं 6ः00 बजे परम पूज्य गुरुदेव की चरणपादुका का पूजन हुआ। रविवार, 21 जुलाई को प्रात 7ः00 बजे परम पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी संवित् श्रीसोमगिरि जी महाराज के समाधि मन्दिर में पूजन-अर्चन व रुद्राभिषेक हुआ। प्रातः 8ः30 बजे गुरु मण्डल में पूजन-अभिषेक, अर्चना तथा शास्त्र-पाठ हुआ। प्रातः 10ः00 बजे पूज्यश्री स्वामी विमर्शानंदगिरि जी महाराज द्वारा प्रवचन हुआ तथा प्रातः 10ः30 बजे सामूहिक श्री-गुरु-पूजन का कार्यक्रम हुआ तथा दोपहर 12ः00 बजे महाप्रसाद हुआ।
इस अवसर पर पूज्यश्री स्वामी विमर्शानंदगिरिजी महाराज ने कहा कि गुरु-शिष्य का यह अति पावन पर्व गुरु-पूर्णिमा के साथ-साथ शिष्य-पूर्णिमा भी है। भगवान् वेद्व्यास जी ने जिस उद्देश्य को लकर वेदों का विस्तार कर उन्हें व्यवस्थित किया। उन्हीं के इसी उद्देश्य को चरितार्थ करते हुए आज के इस अवसर पर संकल्प लेते हुए तन्मय होकर अपने चरम-परम लक्ष्य की प्राप्ति हेतु अग्रसर होना चाहिए। इस अवसर पर पूज्य स्वामी श्री सुबोधगिरिजी महाराज, महेश्वर से पधारे पूज्य स्वामी समानंदगिरि जी महाराज, हरिद्वार से पधारे पूज्य स्वामी सदाशिवानंदगिरिजी महाराज, हरिद्वार से पधारे नृसिंह जी महाराज की भी सहभागिता रही।
मानव प्रबोधन प्रन्यास के विजेन्द्र सिंह भाटी ने बताया इस गुरु-पूर्णिमा महोत्सव के उपलक्ष में प्रदेश के राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि के रूप में बीकानेर पूर्व की विधायक सुश्री सिद्धी कुमारी ने माननीय मुख्यमंत्री श्रीभजनलाल शर्मा का अभिनंदन संदेश पढ़ा, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री ने ईश्वर से कामना करते हुए कहा कि हमेशा की भांति मुझे आपका आशीर्वाद मिलता रहे एवं आपके मार्गदर्शन में राज्य निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर होता रहे। देवस्थान विभाग, राजस्थान सरकार के पदाधिकारी भी सहयोग रहे।
इस महोत्सव के सफल आयोजन में शादीलाल शर्मा, भगवती प्रसाद शर्मा, ब्रजगोपाल व्यास, सुभाष मित्तल, सुरेश गुप्ता, कन्हैयालाल पंवार, राजकुमार कौशिक, हरीशचंद्र शर्मा, बजरंगलाल शर्मा, भवानीशंकर व्यास, घनश्याम स्वामी, रमेश आचार्य, शैलेश आचार्य, अभय सिंह टाक, रामदयाल राजपुरोहित, दीपक शर्मा, चिरंजीलाल शर्मा, विजय सिंह राठौड़, राजीव मित्तल, मुकेश जोशी हरिओम पूंज, रमेश आचार्य, साकेत शर्मा, रमेश जोशी, रमेश शर्मा, सुनील सोनी, गोपाल सुथार, बजरंगलाल प्रजापत, रुप सिंह भाटी, विनोद चौधरी, देवेश सुथार, कुणाल राजपुरोहित, प्रहलाद् सिंह चौहान, मोहित अग्रवाल, अनुज व्यास, श्रीभगवान जांगिड़ आदि का सहयोग रहा।