राष्ट्रीय कवि चौपाल की 513वीं साहित्य सभा में काली पट्टी लगाकर काव्यपाठ किया


- सावधान !ओ पाकिस्तान !! मत फैला तूं आंतकवाद..!!!
- इतना कहर मत बरसाओ कि सुलझना दुष्कर हो जाएं
- आज फेर नीं जाणें क्यों मन आकळ बाकळ होय रह्यो ह
बीकानेर , 26 अप्रैल। राष्ट्रीय कवि चौपाल की 513वीं साहित्य सभा में दक्षिण कश्मीर पहलगाम में निर्दोष निहत्थे भारतीयों पर दैत्य वृत्ति-अमानवीय कृति से 27 जन की निर्मम हत्या के खिलाफ, काली पट्टी बांध कर राष्ट्र हित में काव्य पाठ किया। कार्यक्रम अध्यक्ष सरदार अली पड़िहार ने कहा कि वो मुसलमान है ही नहीं जो यथार्थ इस्लाम समझते नहीं। मुख्य अतिथि श्रीमती कृष्णा वर्मा ने कहा कि इतना कहर मत बरसाओ कि सुलझना दुष्कर हो जाएं.. विशिष्ट अतिथि कवि गंगाविशन विश्नोई ‘ब्रह्मा’ ने कहा कि आज फेर नीं जाणें क्यों मन आकळ बाकळ होय रह्यो है ।इससे पहले लीलाधर सोनी ने शारदे मां शारदे मां श्वेत वरणी शारदे मां … मां सरस्वती प्रार्थना से कार्यक्रम आररम्भ किया।



हनुमंत गौड़ ‘नज़ीर’ ने वो कई फूल थे जो तेरे नाम पर मुस्कुरा न सके.. रामेश्वर साधक ने जीओ और जीने दो , सृष्टि हित निखरने दो, मत-सम्प्रदाय से पहले हम सबसे पहले भारतीय हैं.. लीलाधर सोनी ने अरे आंतकी हिंसक भेड़िया तेरा कोई दीन इमान नहीं.. राजकुमार ग्रोवर ने सावधान! ओ पाकिस्तान !! मत फैला तूं आंतकवाद..!!! श्रीमती मधुरिमा सिंह ने बुजुर्गों संस्कारों ने सुरभित किया.. महेश बडग़ुर्जर ने शत्रुओं पर किये वार, नमन तुम्हे बारम्बार.. सिराजुद्दीन ने हमें ताकत से आंतक हटाना है, मुल्क को जन्नत बनाना है.. पवन चड्ढा ने गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को दार्शनिक मोड़ समापन से पुर्व कार्यक्रम में पहलगाम में शहीद हुई दिवंगत आत्माओं को दो मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि दी गयी।
कार्यक्रम में मौहम्मद शकील गौरी, धर्मेंद्र राठौड़, उमा शर्मा, शमीम अहमद, निसार, सज्जन कंवर, आदि गणमान्य साहित्य वृंद साहित्यानुरागी उपस्थित रहे।

