राष्ट्रीय कवि चौपाल में कवियों ने एक से बढ़कर एक शानदार कविताएं सुनाई

बीकानेर,,22 दिसम्बर। राष्ट्रीय कवि चौपाल में हर रविवार की तरह इस रविवार को आयोजित 495 वीं कड़ी का आयोजन किया गया। वटवृक्ष के नीचे खुले वातावरण में आयोजित होने वाले इस आयोजन की अध्यक्षता करते हुए कवि नेमचंद गहलोत ने बताया कि अगले माह 500 वीं कड़ी पूर्ण हो जाएगी। उसके बाद पांच सौ एक वीं कड़ी को विशेष यादगार बनाने हेतु वरिष्ठ कवियों से सम्पर्क किया जा रहा है। गहलोत ने अपनी रचना – ‘भूख बिना कुछ खाओ मत, भूखे ही रह जाओ मत’ सुनाकर वाह वाह लूटी।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

कार्यक्रम का आगाज रामेश्वर बाडमेरा ने ईस वंदना से किया। कृष्णा वर्मा की रचना ‘रिश्ते बेजान हो गए क्या, यही जिंदगी है’, लीलाधर सोनी ने शानदार संचालन करते हुए अपनी कविता खांवता जावै रै आज देश ने ओ आंधो संविधान, शायर शमीम अहमद ने – जुबां सम्भल तेरे बतीस दांत हैसुनाई, वहीं पवन चड्ढा ने सस्वर गीत सुनाकर कार्यक्रम को बेहद ऊंचाइयां प्रदान की। बाबू बमचकरी ने – ‘एक आंख रो तारो म्हारो ओ गधो है बिकाऊ’ सुनाकर उपस्थित श्रोताओं को गुदगुदाया। इस अवसर पर परमेश्वर सोनी, कादर खां, अशोक, प्रवेश, राजूराम गोमती सहित कई श्रोता उपस्थित थे। आभार श्रीगोपाल स्वर्णकार ने ज्ञापित किया।

pop ronak

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *