पुलिस, कोर्ट और जज सब नकली, बुजुर्ग को 3 दिन डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपये ठगे, फिर ऐसे हुआ खुलासा

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जयपुर, 29 मई। इंटरनेट के इस जमाने में डिजिटल चुनौतियां कम नहीं है। शातिर साइबर ठगों ने ठगी के ऐसे तरीके निकाले हैं कि बड़े पूंजीपति और पढ़े लिखे लोग इसके शिकार हो रहे हैं। साइबर ठगों ने इंटरनेट पर ठगी का ऐसा जाल बिछा रखा है कि बचना मुश्किल हो जाता है। ठगों ने फर्जी पुलिस और फर्जी कोर्ट तैयार कर रखे हैं जहां वे लोगों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर रुपए हड़प रहे हैं। जयपुर में एक बुजुर्ग व्यक्ति को लगातार तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया। 2.8 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए 23.56 लाख रुपए भी ऐंठ लिए। बाद में जब बुजुर्ग बैंक पहुंचा तो मैनेजर की सूझबूझ से और रुपए गंवाने से बच गया।

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तीन दिन तक ऐसे रहा डिजिटल अरेस्ट
जयपुर शहर के मानसरोवर इलाके में रहने वाले 75 वर्षीय संतोष कुमार के पास 23 मई को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई का पुलिस अधिकारी होना बताया। उसने बुजुर्ग व्यक्ति से कहा कि आपका मोबाइल नंबर मनी लॉन्ड्रिंग में उपयोग हुआ है। ऐसे में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकला है। 2.8 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए मामला सीबीआई तक जाने की बात कहते हुए डराया। बुजुर्ग ने बचने का उपाय पूछा तो रुपए ले देकर मामला रफा दफा करने का झांसा दिया गया। ठगों ने इस बुजुर्ग व्यक्ति को लगातार तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 23.56 लाख रुपए ऐंठ लिए।

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बैंक मैनेजर की सूझबूझ से बचे 20 लाख रुपए
23.56 लाख रुपए ऐंठने के बाद भी साइबर ठगों को बुजुर्ग पर रहम नहीं आया। उसे 20 लाख रुपए और देने के लिए कहा गया। इस पर बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि उसके अकाउंट में अब रुपए नहीं है। इस पर साइबर ठगों ने कहा कि 50 लाख रुपए की जो एफडी करवा रखी है। उसे तुड़वा कर रुपए दे दो। डर के मारे पीड़ित बुजुर्ग बैंक पहुंचा और एफडी तुड़वाने की एप्लीकेशन लगाई। वहां बैंक मैनेजर ने एफडी तुड़वाने का कारण पूछा तो बुजुर्ग ने पूरी कहानी बताई। इसके बाद बैंक मैनेजर समझ गया कि पीड़ित को साइबर ठगों ने फंसा लिया है। बैंक मैनेजर ने बुजुर्ग से कहा कि आपके साथ ठगी हो गई है और भी ज्यादा बड़ी ठगी होने वाली है। ऐसे में आप एफडी नहीं तुड़वाएं और पुलिस की मदद लें। इसके बाद पीड़ित शिप्रापथ थाने पहुंचा। अब इस मामले की जांच एसओजी को सुपुर्द की गई है।

पुलिस थाना, कोर्ट और जज सब नकली
साइबर ठगों ने रुपए ऐंठने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए। उन्होंने फर्जी पुलिस थाना, फर्जी पुलिस अधिकारी, फर्जी सीबीआई और फर्जी न्यायालय परिसर भी बना लिया। यहां तक की फर्जी जज भी बैठा दिया। ठगों ने पहले उसे गिरफ्तारी वारंट वाट्सएप पर भेजे। बाद में बुजुर्ग व्यक्ति को वीडियो कॉल किया गया। वीडियो कॉल में पुलिस थाना परिसर दिखाया गया। खाकी वर्दी में पुलिस अधिकारी भी दिखाए गए। मुंबई में कोर्ट रूम की कार्रवाई का एक फर्जी न्यायालय परिसर भी दिखाया। इस फर्जी कोर्ट में फर्जी जज भी बैठा हुआ दिखाया गया। बुजुर्ग से कहा गया कि जज साहब ने आपके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। अब कोई नहीं बचा सकता। इसी डर के चलते बुजुर्ग व्यक्ति लगातार ठगों के जाल में रहा और उनके बताए गए बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर करता रहा। चूंकि मामला बड़ी ठगी का है। ऐसे में इस केस को एसओजी में भेजा गया है।

 

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