नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप का मामला, फंस गई पुलिस
- अयोध्या से बीकानेर लाते वक्त देशनोक के बजाय नोखा के होटल में ठहरे
- परिजनों ने पुलिस पर लगाए आरोप
देशनोक , 22 अक्टूबर। बीकानेर के देशनोक थाने की पुलिस ने एक नाबालिग लड़की को रातभर होटल में रखा। इसके बाद पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय तक शिकायत पहुंचने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल एसपी कावेंद्र सिंह सागर का कहना है कि नाबालिग को थाने में नहीं रखते सकते थे, इसलिए होटल में रखा गया। जहां महिला पुलिसकर्मी मौजूद थी। इसके बाद भी पूरे मामले की जांच की जा रही है।
एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का मामला देशनोक थाने में दर्ज हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने अयोध्या (उत्तरप्रदेश) से इस नाबालिग को दस्तयाब किया था। अयोध्या से लड़की को बीकानेर लाया गया। इस दौरान उसे नोखा रेलवे स्टेशन पर ही उतार लिया गया। तर्क दिया जा रहा है कि ये रेल देशनोक में नहीं रुकती। ऐसे में लड़की को एक होटल में रातभर रखा गया। परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई है कि लड़की पर आरोपी के पक्ष में बयान के लिए दबाव डाला। सीएमओ तक मामला पहुंच गया। इस मामले को लेकर नोखा थाने में परिजनों ने परिवाद पेश किया। जिसमें आरोप है कि नाबालिग के साथ नोखा के एक होटल में पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में आरोपी युवक ने जबरदस्ती की।
इसी महीने भगाने का मामला दर्ज
दरअसल, इसी महीने दर्ज देशनोक थाने में एक युवक पर नाबालिग को बहला-फुसलकर भगा ले जाने का मामला दर्ज हुआ था। इसकी जांच हवलदार गोपालदास को दी गई थी। यूपी की अयोध्या पुलिस ने युवक व नाबालिग लड़की के अयोध्या में होने की सूचना दी। इस पर हवलदार गोपालदास, सिपाही सचिन , महिला कांस्टेबल सुमन अयोध्या पहुंचे। वहां से 17 अक्टूबर को आरोपी युवक, नाबालिग लड़की को लेकर अयोध्या से ट्रेन से बीकानेर ला रहे थे। यह ट्रेन नोखा के बाद सीधे बीकानेर रुकती है। पुलिस का कहना है कि इसी कारण रात करीब साढ़े तीन बजे नोखा में उतर कर एक होटल में रुक गए। यहां से 18 अक्टूबर को पुलिस ने नारी निकेतन भिजवा दिया।
नाबालिग के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस प्रक्रिया में कथित तौर पर मनमानी की और कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया। परिजनों के मुताबिक, नाबालिग को बिना समुचित वारंट या कानूनी नोटिस के जबरदस्ती ले जाया गया, जिससे परिवारजन में आक्रोश है। अब निष्पक्ष जांच की मांग हो रही हैं। वहीं, पुलिस ने इन आरोपों को खारिज किया है। फिलहाल पुलिस परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि हेड कांस्टेबल, एक कांस्टेबल, एक महिला कांस्टेबल, नाबालिग लड़की और आरोपी 10 अक्टूबर को तड़के करीब 3.30 बजे ट्रेन से बीकानेर के नोखा रेलवे स्टेशन पहुंचे और स्टेशन के पास एक होटल में ठहरे।
नोखा के क्षेत्राधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि सुबह ये लोग देशनोक थाने के लिए रवाना हुए, जहां पीड़ित लड़की के बयान बाल कल्याण समिति और बाद में मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किए गए। इसके बाद उसे नारी निकेतन भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि लड़की के परिजनों ने रविवार शाम को पुलिस को शिकायत दी। इसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने नोखा के उस होटल में लड़की के साथ दुष्कर्म किया, जहां पीड़िता, आरोपी और पुलिस टीम रुकी थी। अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ पहले से दर्ज अपहरण के मामले में दुष्कर्म की धारा जोड़ी जाएगी और जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम तीन-चार घंटे होटल में रुकी थी, इस दौरान पीड़िता, महिला कांस्टेबल के साथ रुकी थी जबकि हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल और आरोपी एक अलग कमरे में साथ रहे। नोखा के थानाधिकारी हंसराज ने बताया कि महिला कांस्टेबल के ‘अस्वस्थ’ महसूस करने के कारण पुलिस टीम होटल में रुकी थी।
बीकानेर के एसपी कावेंद्र सिंह सागर का कहना है कि अयोध्या से देशनोक आने के लिए नोखा में ही पुलिस उतर गई थी। ये ट्रेन देशनोक नहीं रुकती। नाबालिग को थाने में नहीं रख सकते थे, इसलिए होटल में रखा गया। लड़की के साथ महिला पुलिसकर्मी उसके कमरे में भी थी। सीसीटीवी फुटेज भी परिजनों को दिखाए गए हैं। इसके बाद भी परिजनों को कोई शक है तो उन्होंने परिवाद दिया हे। जिसकी जांच की जा रही है। किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका बहुत कम है, हम निष्पक्ष जांच करेंगे।