एमपी-राजस्थान में प्री-मानसून बारिश शुरू, आज 35 जिलों में अलर्ट
- गुजरात में 13 जून तक पहुंचेगा मानसून; बिहार में एक्सट्रीम हीटवेव का रेड अलर्ट
नयी दिल्ली , 11 जून। मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्री-मानसून बारिश का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने मंगलवार (11 जून) को एमपी के 27 और राजस्थान के 8 जिलों में बारिश का एलर्ट जारी किया है।
IMD ने सोमवार (10 जून) को बताया कि गुजरात में अगले 48 घंटों के दौरान यानी 11 से 13 जून तक मानसून प्रवेश कर सकता है। इसके कारण राज्य के कई हिस्सों में आज बारिश होने की संभावना है।
मुंबई में रविवार (9 जून) को मानसून की एंट्री के बाद से लगातार बारिश हो रही है। सोमवार (10 जून) सुबह तक पिछले 24 घंटे में 50 मिलीमीटर बारिश हुई। शहर में सोमवार शाम सात बजे के बाद भी भारी बारिश हुई।
दूसरी तरफ, उत्तर और पूर्वी भारत हीटवेव की चपेट में है। बिहार में आज एक्सट्रीम हीटवेव का अलर्ट है। बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां मौसम विभाग ने गर्मी को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।
राज्य में लंबे समर वेकेशन के बाद सोमवार (10) जून को स्कूल खुले थे। हालांकि, पहले ही दिन कई जगह स्टूडेंट्स और टीचर्स बेहोश हो गए। इसके बाद राज्य के स्कूलों में 15 जून तक फिर से छुट्टी कर दी गई है।
यूपी का प्रयागराज देश में सबसे गर्म, तापमान 46.3 डिग्री
बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी लू चल रही है। यूपी का प्रयागराज सोमवार (10 जून) को 46.3 डिग्री सेल्सियस के साथ देश का सबसे गर्म शहर रहा। दिल्ली के आया नगर में 44.7, लोधी रोड में 43.8 और पालम में 44.1 डिग्री तापमान रहा।
उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में मंगलवार (11 जून) को भी हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 25 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गर्म हवाओं के साथ हीटवेव चलने का अनुमान है। दिल्ली में अधिकतम तापमान 44 डिग्री तक जा सकता है।
IMD के मुताबिक, गर्मी की नई लहर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मैदानी इलाकों पर भी असर डाल सकती है।
अगले 24 घंटों में क्या…
अगले 24 घंटों के लिए महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, लातूर और नांदेड़ में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम और मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर 14 जून तक भारी बारिश होने की संभावना है। दक्षिणी मध्य प्रदेश में कुछ जगहों पर ओले गिर सकते हैं, साथ ही 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
गर्मी का असर, किस-किस पर
मई 2024 में गर्मी की लहर ने असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश की पहाड़ियों समेत देश भर में कई जगहों पर अब तक का सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया। राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा में पारा 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक देश में 150 प्रमुख जलाशयों में स्टोरेज इस हफ्ते उनके मौजूदा स्टोरेज का केवल 22% रह गया है। इससे कई राज्यों में पानी की कमी और इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन पर असर पड़ा। भीषण गर्मी ने पहले ही भारत की बिजली की मांग को रिकॉर्ड 246 गीगावाट तक पहुंचा दिया है, घरों और दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर पूरी क्षमता से चल रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मार्च से मई तक भारत में हीट स्ट्रोक के लगभग 25 हजार संदिग्ध मामले दर्ज किए गए और गर्मी से होने वाली बीमारियों के कारण 56 मौतें हुईं। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के मुताबिक इनमें से 46 मौतें अकेले मई (30 मई तक) में दर्ज की गईं।
1 से 30 मई के बीच देश में हीट स्ट्रोक के 19 हजार 189 संदिग्ध मामले सामने आए। अधिकारियों के मुताबिक इस डेटा में उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली से होने वाली मौतें शामिल नहीं हैं।
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक गर्मी के कारण उत्पादकता में गिरावट के कारण अनुमानित 80 मिलियन वैश्विक नौकरियों में से 34 मिलियन नौकरियां भारत में जा सकती हैं।
कुछ स्टडीज के मुताबिक भारत को हर साल 13 बिलियन अमरीकी डॉलर के खाद्य नुकसान का सामना करना पड़ता है। केवल 4% को कोल्ड चेन सर्विस से कवर किया जाता है।
अब बात मानसून की
मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 48 घंटों में दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में प्रवेश कर सकता है। साथ ही यह भी अनुमान जताया है कि अगर हालात ठीक रहे तो हिमाचल प्रदेश में 20 से 22 जून तक मानसून पहुंचने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश में यह 18 जून तक एंट्री ले सकता है। फिलहाल, महाराष्ट्र में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक जब 64.5 मिमी और 115.5 मिमी के बीच बारिश का अनुमान होता है, तब यलो अलर्ट जारी किया जाता है। ऑरेंज अलर्ट एक दिन में 115.6 से 204.4 मिमी के बीच होने वाली बारिश के लिए इस्तेमाल होता है। वहीं, रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब क्षेत्र में 24 घंटे के दौरान 204.5 मिमी बारिश होने की संभावना होती है।