साधना और मंत्रो से रक्षा कवच तैयार करें -साध्वी डॉ.श्री गवेषणा श्रीजी
चेन्नई , 10 अक्टूबर। युवा मनीषी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या डॉ.साध्वी गवेषणा श्रीजी के सानिध्य में नवरात्र के महाअनुष्ठान के अंतर्गत अनेक नए-नए मंत्रो की अनुभव सिद्ध साधना करवाई गई।
साधना और मंत्रो की विशेषता एवं महत्ता को बताते हुए डॉ. साध्वी गवेषणा श्री ने कहा जीवन के उतार-चढ़ाव में अनेक उपद्रव उपसर्ग व कष्ट आते रहते हैं, उसमें कुछ उपद्रव मानुसिक तो कुछ दैविक या तिर्यंचकृत भी हो सकते हैं ,इसलिए आवश्यकता है हम अपना एक रक्षा कवच तैयार करें ।
साध्वी मयंकप्रभा ने कहा जैसी खेती की सुरक्षा के लिए बाड़ की, चारित्र की सुरक्षा के लिए इंद्रिय संयम की आवश्यकता है, वैसे ही स्वसुरक्षा के लिए मंत्र साधना की जरूरत है। साध्वी दक्षप्रभा ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। रक्षा कवच दृढ़ मजबूत और कठोर बनाने के लिए व मनुष्यकृत आदि उपद्रवों से बचने हेतु आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी द्वारा प्रदत बीज मंत्रो का प्रयोग करवाया एवं रात्रि में भी विशेष अनुष्ठान बाधा,विघ्न, कामण-टामण की शांति एवं सुरक्षा हेतु करवाये।
इस दौरान अभातेयुप से कॉन्फिडेंट पब्लिक स्पीकिंग कोर्स के राष्ट्रीय सहप्रभारी सोनू डागा का आज तिरुपुर से चेन्नई साध्वी श्रीजी के दर्शनाथ आना हुआ उनका स्वागत एवं सम्मान तेयुप चेन्नई के अध्यक्ष संदीप मूथा एवं अभातेयुप मंत्र दीक्षा सहप्रभारी संतोष सेठिया एवं गणपत डागा ने किया।