प्रियंका गांधी की रैली से पहले टेंशन में क्यों हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ?
ERCP मुद्दे पर भाजपा पर साधेंगी निशाना
दौसा, 19 अक्टूबर । कांग्रेस के स्टार प्रचारक और कांग्रेस में अहम औहदा रखने वाली प्रियंका गांधी कल राजस्थान आ रही है। उनका राजस्थान के दौसा जिले में बड़ा कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम करीब 5 घंटे तक चलने के लिए अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन इस कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की टेंशन बढ़ गई है।
कांग्रेस की कद्दावर नेता और महासचिव प्रियंका गांधी कल 20 अक्टूबर राजस्थान के दौसा जिले के सिकराय में एक जनसभा करेंगी। भाजपा, प्रियंका गांधी के निशाने पर रहेगी। कांग्रेस ने 16 अक्टूबर को बारां जिले से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) पर एक जन जागरण यात्रा की शुरुआत की थी। यह यात्रा 13 जिलों से होते हुए शुक्रवार को दौसा जिले में समाप्त होगी।
इस मौके पर आयोजित जनसभा को प्रियंका गांधी संबोधित करेंगी। प्रियंका गांधी की इस जनसभा को लेकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। प्रियंका गांधी इस जनसभा के माध्यम से ईआरसीपी मुद्दे को लेकर 13 जिलों के मतदाताओं को रिझाने की कोशिश करेंगी।
पायलट का गृह जिला है दौसा
दरअसल प्रियंका गांधी दौसा जिले में आ रही हैं। यह जिला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे बड़े राइवल माने जाने वाले सचिन पायलट का है। वह यहां के मूल निवासी है। वह किसी समय यहां से सांसद भी थे, हालांकि वर्तमान में वह टोंक जिले से विधायक हैं । इस कार्यक्रम में सचिन पायलट को भी अहम जिम्मेदारी सौंप गई है।
प्रियंका गांधी की रैली की व्यवस्था को लेकर चिंतित गहलोत
सीएम गहलोत की सबसे बड़ी टेंशन यह है कि राजस्थान में अभी विधानसभा चुनाव के टिकट फाइनर नहीं किए गए हैं। जबकि एमपी, छत्तीसगढ़, मिजोरम समेत अन्य राज्यों में लगभग पार्टी ने सभी टिकट बांट दिए हैं। राजस्थान में विरोध का आकलन करते हुए फिलहाल टिकट पर और ज्यादा मंथन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कल प्रियंका गांधी से मिलने के लिए राजस्थान भर के कई नेता शामिल हो सकते हैं। ऐसे में व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसी कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रियंका गांधी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए और ज्यादा सख्त इंतजाम किए हैं।
रैली में एक लाख नेता और कार्यकर्ता जुटाने का लक्ष्य
रैली में करीब एक लाख नेताओं और कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। गहलोत को डर है कि कहीं दौसा में सचिन पायलट के जिंदाबाद के नारे न लगे, इसे देखते हुए ही इंतजाम किए गए हैं। करीब 40 नेताओं की ऐसी टीम बनाई गई है जो नारे लगाने वाले लोगों पर नजर रखेगी। सबसे बड़ी बात यह है की रैली में शामिल होने वाले लोगों के लिए काले रंग का कपड़ा बहन कर दिया गया है।
टोंक के बाद अब दौसा में प्रियंका गांधी
सचिन पायलट, प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं। हाल ही प्रियंका ने अपने चुनावी कैम्पेन का आगाज भी सचिन पायलट के गढ़ टोंक विधानसभा क्षेत्र से किया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दौसा की जनसभा में प्रियंका गांधी, सचिन पायलट को कोई बड़ा संकेत दे सकती हैं।
एक वर्ष में दूसरी बार आए गांधी परिवार के सदस्य
एक वर्ष के भीतर दूसरी बार गांधी परिवार का चेहरा कांग्रेस में उत्साह का संचार करने दौसा जिले की धरती पर आ रहा है। दिसम्बर 2022 में राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में दौसा जिले में आए और अब 10 माह बाद प्रियंका गांधी ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर सभा करेंगी।