जनसुनवाई बनी औपचारिकता, समस्याओं का समाधान नहीं


बीकानेर, 17 अप्रैल। जिला प्रशासन द्वारा हर माह आयोजित की जाने वाली जनसुनवाई अब केवल औपचारिकता बनकर रह गई है। आमजन की समस्याओं का समाधान न तो现场 होता है और न ही बाद में कोई कार्यवाही देखने को मिलती है।



रानी बाजार चौराहे की हालत इसका स्पष्ट उदाहरण है। यहां टूटी सड़कें, गहरे गड्ढे और खुले सीवर चेम्बर पिछले आठ माह से लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। हालांकि मानसून के बाद सड़क मरम्मत के दावे किए गए थे, लेकिन इस इलाके में अब तक कोई कार्य नहीं हुआ है।



रानी बाजार मोहल्ला समिति की ओर से 20 फरवरी को शिकायत दर्ज करवाई गई थी, जिस पर यह आश्वासन मिला कि एस्टीमेट तैयार हो चुका है और कार्य जल्द शुरू होगा। लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। आज की जनसुनवाई में फिर से आवेदन लगाया गया, लेकिन तीन घंटे इंतजार के बावजूद जब नंबर नहीं आया, तो शिकायतकर्ता को आवेदन वहीं छोड़कर लौटना पड़ा।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि बजट की कमी है, तो भी निगम के पास उपलब्ध संसाधनों से स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, जेसीबी मशीन द्वारा जमा मलबे को समतल कर, रोलर से मार्ग सुगम बनाना, या सीवर चेम्बर के ढक्कन लगाने जैसे कार्य बिना बजट के भी संभव हैं।
ऐसा ही मामला डाक बंगले के पीछे और हनुमान गली का है, जहां दो माह पूर्व सीवर चेम्बर की मरम्मत व ढक्कन लगाने की मांग की गई थी। लेकिन आज तक इन स्थानों पर कोई सुधार कार्य नहीं हुआ है। नागरिकों ने प्रशासन से जनसुनवाई को सिर्फ औपचारिक कार्यक्रम न बनाकर, वास्तविक समाधान की प्रक्रिया के रूप में लेने की मांग की है।