नाबार्ड की एफपीओ निगरानी समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित
बीकानेर, 29 जून। नाबार्ड के किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) की जिला स्तरीय निगरानी समिति की त्रैमासिक बैठक शुक्रवार को जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
इस दौरान जिला कलेक्टर ने कहा कि क्लस्टर बेस्ड बिजनस ऑर्गेनाइजेशन (सीबीबीओ), किसानों को केवल खाद बीज विक्रय केन्द्र के लाईसेंस तक सीमित न रखें। इनके द्वारा किसानों की फसलों की बाजार में पहुंच बढ़ाने में मदद की जाए। एफपीओ की व्यापारिक गतिविधियों के आधार पर फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने तथा उनकी आय के लिए एक्सपोजर कार्यक्रम आयोजित जाएं। इसके लिए किसान उत्पादक संगठन, बोर्ड सदस्यों, सीईओ और अग्रणी किसानों को चुना जाए।
उन्होंने कहा कि सीबीबीओ द्वारा किसान उत्पादक संगठनों को पर्याप्त सहयोग नहीं मिलने को जिला कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और कहा कि भविष्य में उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाए। किसान उत्पादक संगठन बनाने से किसानों को कृषि उत्पादों के विपणन में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। इसके मद्देनजर उन्होंने राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना करते हुए ब्लॉक स्तर पर समितियों के गठन के लिए निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठनों को बैंक ऋण और ई-नाम, ओएनडीसी, सीधे बाजार में विक्रय तक पहुँच प्रदान करने में सहायता की जाए। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) कृषि एवं किसानों के सशक्तिकरण का सबसे अच्छा माध्यम है।
जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में भारत सरकार के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) के प्रतिनिधि को बीकानेर के किसान संगठनों को व्यापारिक गतिविधियों में शामिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजूवास, केवीके-बीकानेर एवं लूणकरणसर, कृषि विभाग, उद्यानिकी तथा सहकारिता विभाग छोटे व मझौले किसानों तक भंडारण तथा वर्गीकरण की योजनाओं के लाभ पहुंचाने के प्रयास करें।
बैठक में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ जयपुर के ए.संदीप, अशोक कुमार,संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी और पशुपालन सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने किसान उत्पादक संगठन को बाजार से जोड़े रखने के विचार रखे। नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक रमेश तांबिया ने विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में बताया। इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।