श्री करणी माता जी की भौम की मातृभाषा राजस्थानी को मान्यता मिले-कमल रंगा

shreecreates

बीकानेर, 21 मई। राजस्थानी युवा लेखक संघ के प्रदेशाध्यक्ष एवं राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने देश के लोकप्रिय, यशस्वी, माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुरूवार को श्री करणी माता की भौम देशनोक बीकानेर पधारने पर मातृभाषा राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में जुड़वाते हुए संवैधानिक मान्यता देने की मांग की है। रंगा ने बताया कि इस बाबत राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में विधिक प्रक्रिया पूर्ण कर सर्वसम्मति से संवैधानिक मान्यता हेतु संकल्प पारित करके केन्द्र सरकार को भेज दिया गया है। जो आज तक लंबित है। अतः इस ओर उचित निर्णय करवाकर देश के करोड़ों राजस्थानी भाई-बहनों को एक सौगात प्रदान करें। करोड़ा़ें राजस्थानी आपका आभार व्यक्त करेंगे।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

उन्होंने बताया कि करोड़ों लोगों की जन-भावना, अस्मिता एवं सांस्कृतिक पहचान मातृभाषा राजस्थानी को शीघ्र संवैधानिक मान्यता मिले और यह प्रदेश की दूसरी राजभाषा घोषित की जानी चाहिए। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में अपना अलग स्थान रखने वाली करोड़ों लोगों की मातृभाषा राजस्थानी जिसका अपना वैभवपूर्ण साहित्यिक इतिहास है, विशाल शब्दकोष है, समृद्ध व्याकरण है और साथ ही प्राचीनकाल, मध्यकाल एवं आधुनिक काल में राजस्थानी का साहित्य उच्च कोटि का रहा है और वर्तमान में भी है। इसी तरह वैज्ञानिक दृष्टि से राजस्थानी भाषा संपन्न है। ऐसी स्थिति में इस भाषा को शीघ्र मान्यता मिलनी चाहिए।

pop ronak

रंगा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी अनुरोध करते हुए राजस्थानी को प्रदेश की दूसरी राजभाषा शीघ्र घोषित करने की मांग की। रंगा ने कहा कि दूसरी राजभाषा हेतु देश के संविधान में स्पष्ट प्रावधान है। अतः उसका उपयोग करते हुए इस बाबत शीघ्र कार्यवाही की जानी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *