रमज़ान मुबारक का पोस्टर रिलीज

बीकानेर, 23 मार्च। पवित्र महीने रमज़ान शरीफ़ का दूसरा अशरा चल रहा है। नगर के रचनाकार एवं कलाकार अपने-अपने तरीक़े से रमज़ान शरीफ़ के संदेशों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।

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इसी क्रम में नगर के नौजवान शाइर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने ‘रमज़ान मुबारक’ नाम से रमज़ान शरीफ़ के महीने की शान में एक मुसलसल ग़ज़ल लिखी है। जिसके बोल ‘आलम को हों रमज़ान के अय्याम मुबारक/रमज़ान की हर सुब्ह हर इक शाम मुबारक’ काफ़ी पसंद की जा रही है। जिसे नगर के मशहूर ग़ज़ल गायक रफ़ीक़ सागर ने अपनी बेहतरीन मौसीक़ी एवं संगीत से सजाकर दर्शकों एवं श्रोताओं को एक शानदार तोहफ़ा पेश किया है। पिछले दिनों इस ग़ज़ल को यूट्यूब पर सागर सीरीज द्वारा रिलीज कर दिया गया है जिसे दर्शकों द्वारा ख़ूब पसंद किया जा रहा है।

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आज नगर के साहित्यकारों एवं कलाधर्मियों की उपस्थिति में महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम नागरी भण्डार बीकानेर में रमज़ान शरीफ़ की शान बयान करती इस ग़ज़ल के पोस्टर का विमोचन किया गया।

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इस अवसर पर ग़ज़ल गायक रफ़ीक़ सागर, शाइर क़ासिम बीकानेरी, आकाशवाणी बीकानेर के वरिष्ठ उद्घोषक एवं वरिष्ठ कवि कथाकार प्रमोद कुमार शर्मा, व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी, लेखक राजाराम स्वर्णकार, संस्कृतिकर्मी संजय सांखला, जयपुर की प्रोफ़ेसर धीरज सैनी, कवि पत्रकार गिरिराज पारीक, वरिष्ठ कवि कमल रंगा,वरिष्ठ गायक एम.रफ़ीक़ क़ादरी,चित्रकार योगेंद्र पुरोहित वरिष्ठ कवि कथाकार राजेंद्र जोशी, युवा लेखक गंगाविशन बिश्नोई ‘ब्रह्मा’,लेखक इसरार हसन क़ादरी, संस्कृतिकर्मी डॉ. मोहम्मद फारुक़ चौहान, वरिष्ठ उर्दू शाइर ग़ुलाम मोहिउद्दीन माहिर बीकानेरी,नौजवान शाइर सागर सिद्दीक़ी, कवयित्री डॉ. कृष्णा आचार्य, श्रीमती रेखा चोबदार,जोधपुर की वरिष्ठ कवयित्री बसंती पंवार, जोधपुर की वरिष्ठ कहानीकार डॉ. चॉंदकौर जोशी, श्री डूंगरगढ़ के वरिष्ठ कवि आलोचक डॉ. मदन सैनी सहित अनेक प्रबुद्धजन मौजूद थे।

इससे पूर्व क़ासिम बीकानेरी की वर्ष 1998 में ‘दिल मजबूर है’ नाम से ऑडियो एल्बम और वर्ष 2021 में कोरोना काल में ‘हवा आ गई है नबी के नगर से’ रिलीज हो चुके हैं। क़ासिम बीकानेरी के अनेक गीत राजस्थानी फिल्मों एवं कई अन्य एल्बम में भी आ चुके हैं। वहीं रफ़ीक़ सागर ग़ज़ल गायकी के क्षेत्र में देश का एक जाना पहचाना नाम है जिनके सैंकड़ों गीत एवं ग़ज़लें देश भर में मशहूर हो चुकी हैं।

रमज़ान मुबारक ग़ज़ल की रिकॉर्डिंग स्वामी स्टूडियो ईदगाह बारी (धर्मनगर द्वार)के अंदर मदन मोहन स्वामी के निर्देशन में की गई है, जबकि इसका वीडियो तुषार कुमार व्यास ने तैयार किया है।

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