रंगोली-मांडणा हमारी लोक-सम्पदा है-डॉ. तंवर

बीकानेर, 2 मई। नगर वैभव एवं नगर की यश गाथा को समर्पित ‘उछब थरपणा’ समारोह के दूसरे दिन आज नत्थूसर गेट के बाहर स्थित सृजन सदन परिसर में प्रातः 9 बजे हमारी लोक कलाओं एवं लोक संस्कृति की विरासत रंगोली-मांडणा को लगभग 70*70 फुट के समचौरस परिसर में विभिन्न मनमोहक रंगों में उकेरने के लिए महिलाओं और बालिकाओं में गजब का उत्साह था। अवसर था राजस्थानी साफा, पाग-पगड़ी, कला-संस्कृति संस्थान एवं थार विरासत की ओर से आयोजित ‘उछब थरपणा’ के समारोह का।
रंगोली एवं मांडणा को उकेरते हुए सभी सहभागी बालिकाओं और महिलाओं ने नगर बीकानेर की स्थापना और उससे जुड़े अन्य प्रसंगों को विभिन्न रंगों से रंगकर सजाया। जिसमें प्रमुख रूप से किन्ना-किन्नी, बीकानेर स्थापना के जग प्रसिद्ध दोहे को रंगोली के माध्यम से रखा तो वहीं जय बीकाणा-वाह बीकाणा आदि ऐसे कई वाक्यों को रंगोली के माध्यम से सजाकर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसमें प्रमुख रूप से अपनी भूमिका निभाने में बालिका भावना कंवर, भूमिका गहलोत, जाह्नवी भार्गव, प्राची सुथार, प्रिया छंगाणी एवं महिलाओं में सीमा पालीवाल, प्रियंका व्यास कुसुम किराडू, सीमा स्वामी, प्रीति राजपूत, हेमलता व्यास थी।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश तंवर ने कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से हमें हमारी लोक-सम्पदा और उसके वैभव से रूबरू होने का अवसर तो मिलता ही है, वहीं महिलाआंे और बालिकाओं की कला मर्मज्ञता एवं अपनी लोक-कला और एवं लोक संस्कृति के प्रति गहरे जुड़ाव का सुखद अनुभव भी होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं संस्कृतिकर्मी राजेश रंगा ने कहा कि रंगोली-मांडणों  के माध्यम से कलाकारों ने कई उपयोगी संदेश एवं बीकानेर से जुड़ी कई ऐतिहासिक घटना एवं तथ्यों से नई पीढ़ी को रूबरू कराया। रंगा ने आगे बताया कि इससे पूर्व भी आयोजकों ने नगर स्थापना अवसर पर कई नवाचार किए हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि चंदा एवं पाग, साफा कला विशेषज्ञ कृष्णचंद पुरोहित ने कहा कि ऐसे आयोजन के माध्यम से हमारी बालिकाएं एवं महिलाएं भी सीधे जुड़कर अपनी कला के हुनर को प्रस्तुत करती हैं, जो सुखद पहलू है।
संस्था की इस शानदार रंगोली-मांडणा को सैकड़ों बालक-बालिकाओं एवं महिलाओं के अलावा नगर के विभिन्न कलानुशासनों के कलाकारों ने यथा-मोना सरदार डूडी, कमल जोशी, राम भादाणी, सेफ अली उस्ता, मुकेश जोशी सांचीहर, गणेश रंगा, योगेश रंगा, पेन्टर धर्मा, पेन्टर योगेन्द्र पुरोहित, मोहित पुरोहित, आदित्य पुरोहित, गोपीकिशन छंगाणी, मुकेश जोशी, रवि उपाध्याय, सुश्री फराह, सुश्री निकिता सारण इत्यादि कलाकारों ने रंगोली-मांडणा की प्रशंसा करते हुए महिला एवं बालिका कलाकारों का उत्साहवर्द्धन किया।
आयोजक कृष्णचंद पुरोहित ने बताया कि ‘उछब थरपणा’ के तीसरे दिन कल प्रातः 10ः15 बजे स्थानीय नत्थूसर गेट बाहर स्थित सृजन सदन में चंदा एवं नगर की महत्वपूर्ण विभिन्न कलाओं की सामूहिक प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि महोदया माननीया जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि के द्वारा होगा एवं उद्घाटन समारोह के विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के राष्ट्रीय मुख्य पुरस्कार एवं अनुवाद पुरस्कार से पुरस्कृत वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा होंगे।
bhikharam chandmal

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