साधुमार्गी जैन संघ, गुरुपूर्णिमा महोत्सव,खतरगच्छ के धार्मिक समाचार

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गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर, मंथन प्रभ सागर सहित मुनि व साध्वीवृंद का अक्षत व वासक्षेप पूजन व बधावणा

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गुरु इकतीसा का सामूहिक पाठ
बीकानेर,10 जुलाई। गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज की आज्ञानुवर्ती गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा., मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, बीकानेर की साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि श्रीजी का गुरु पूर्णिमा पर गुरुवार को वासक्षेप व अक्षत से बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने गुरु पूजन किया। विभिन्न वक्ताओं व मंडलों ने गुरु भक्ति के गीत व उद्गार व्यक्त किए। दादा गुरुदेव का पूजन किया गया तथा वरिष्ठ कलाकार वीर पिता सुनील पारख व अरिहंत नाहटा के नेतृत्व में गुरु इकतीसा का सामूहिक पाठ किया गया।
गुरुपूजा मुख्य लाभार्थी उदासर के ओम प्रकाश, संगीता, अरिहंत मोनिका, हेमंत श्वेता कोठारी, शांति लाल व सुमन कोठारी सहित परिवार के सदस्यों के साथ चातुर्मास आयोजनकर्ता सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के सदस्यों के साथ चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास सहित विभिन्न जैन संगठनों के प्रतिनिधियों, उपस्थित बीकानेर, गंगाशहर, उदासर व उदयरामसर तथा जैसलमेर आदि स्थानों से आए श्रावक-श्राविकाओं ने गुरु की अक्षत बधाकर वंदना की। सामायिक मंडल, अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद स्थानीय इकाई, विचक्षण महिला मंडल, ज्ञान वाटिका के बच्चों, धवल नाहटा सहित अनेक वक्ताओं गुरु के प्रति भावना व्यक्त की। श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष हरीश नाहटा, पूर्व अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, सदस्य मनोज सेठिया, पारस बोथरा, विकास नाहटा ने दादा गुरुदेव का पूजन करवाया। कलम की प्रभावना से सुश्रावक जयकुमार, मृदुलजी परिवार की ओर से दी गई।

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गुरु के प्रति समर्पण रखे-गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर महाराज ने प्रवचन में कहा कि प्रथम गुरु माता-पिता तथा दूसरा गुरु शिक्षा देने वाला तथा चौथा गुरु धर्म-आध्यात्म से मोक्ष का मार्ग दिखाने वाला, पापकर्मों व कषायों से बचाने वाला होता है। गुरु को पूर्ण निर्देशक कहा जाता है, जब तक हम गुरु के शरण में नहीं जाएंगे तब तक आत्म-परमात्म से साक्षात्कार नहीं कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि खरतरगच्छ परम्परा में गुरु का स्थान केवल उपदेशक या आचार्य का नहीं, वरन् जीवन दर्शक, धर्म मार्गदर्शक और आत्मा व परमात्म से साक्षात्कार करवाकर मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करने वाले के रूप् में होता है। गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते है। वे अंधकार को दूर कर जीवन के वास्तविक ज्ञान देते है। गुरु पूर्णिमा के दिन संयममयी जीवन, ज्ञानवाणी, वीतरागी, चिंतक व आत्म कल्याण्कारी दिशा का बोध करवाने वाले आदर्श गुरु के प्रति श्रद्धा, समर्पण एवं कृतज्ञता व्यक्त करते हुए वंदन करना चाहिए। जिनवाणी व गुरुवाणी को श्रद्धापूर्वक सुनें, समझें तथा जीवन में उतारें। समर्पण भाव से अहंकर का त्याग कर विनय व नम्रता से गुरु के आदेशों व उपदेशों का पालना करें। पूर्व में मुनि मंथन प्रभ सागर म.सा. ने भी गुरुपूर्णिमा के महत्व पर प्रवचन किए। उन्होंने कहा कि केवल भगवा, पीला या सफेद वस्त्र पहन कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने वाले तथाकथित ढोंगी गुरु से बचना चाहिए।
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श्रद्धा व भक्ति से मनाया श्री शांति गुरुदेव गुरु पूर्णिमा महोत्सव

बीकानेर, 10 जुलाई। गुरु पूर्णिमा पर गुरुवार को श्री शांति गुरुदेव भक्त मंडल की ओर से गोगागेट सर्किल पर स्थित कोचरों की दादाबाड़ी में महान विभूति जगत गुरु योगीराज आचार्य श्रीमद् विजय शांति सूरीश्वरजी भगवंत का गुरु पूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शांति गुरुदेव की पूजा-पक्षाल, भक्ति संगीत कार्यक्रम में भागीदारी निभाई तथा गौतम प्रसादी ग्रहण की।
श्री शांति गुरु भक्त मंडल के निरंजन कोचर ने बताया कि ’’ श्री शांति गुरुदेव गुरु पूर्णिमा महोत्सव’ गुरुवार को दादाबाड़ी में पूजा व पक्षाल तथा प्रतिमा के आकर्षक श्रृंगार किया गया। भक्ति संगीत के साथ अष्ट प्रकारी पूजा में पप्पूजी बांठिया, श्रीमती किरण कोचर, राजा बाबू बांठिया आदि ने भक्ति गीतों के साथ पूजा करवाई। गुरुभक्त जितेन्द्र भंसाली, व प्रियंकर कोचर ने बताया कि लगातार 42 वर्ष से यह गुरु पूजा उत्सव मनाया जा रहा है। इसकी शुरूआत स्वर्गीय हुक्मचंद, मूलचंद, माणक कोचर व प्रोफेसर धनराज कोचर ने करवाई थी। वर्ष में गुरुपूर्णिमा व बसंत पंचमी को पूजा व गौतम प्रसादी तथा भक्ति संगीत का आयोजन किया जा रहा है। गुरु महोत्सव में कोचर परिवार के अन्य जैन समाज के श्रावक-श्राविकाएं जुड़ते गए। गुरु भक्त संदीप मुसरफ, अभय बांठिया, प्रवीण, उत्तम कोचर ने बताया कि वर्ष में एक बार श्रावक-श्राविकाओं को गुरु के मुख्यधाम मांडोली में दर्शन करवाने के लिए ले जाया जाता है। गुरुभक्त जिनेन्द्र कोचर ने बताया कि गुरुभक्तों का आइसक्रीम से सत्कार किया गया।

राम मंदिर में सवा इक्कीस फीट का रुद्राक्ष का शिवलिंग प्रतिष्ठित
बीकानेर, 10 जुलाई। विश्वकर्मा गेट के बाहर राम मंदिर के मुख्य द्वार के पास सवा इक्कीस फीट लम्बा व 6 फीट गोल रुद्राक्ष का शिवलिंग बनारस व जयपुर के प्रसिद्ध कलाकारों की ओर प्रतिष्ठित कर दिया है। रुद्राक्ष के शिव लिंग पर त्रिशूल व डमरू घूमते हुए नजर आ रहे है।
मंदिर के संस्थापक पवन पुरोहित ने बताया कि सावन माह के पहले सोमवार को नर्बदेश्वर महादेव के वस्त्रों की झांकी सजाई जाएगी। सावन चारों सोमवार को विभिन्न तरह की झांकियां सजाई जाएगी। शिव लिंग पर जल चढ़ाने का समय सुबह सात से दस बजे निर्धारित किया गया है।
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दुर्गा माता मंदिर में गुरुपूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा भक्ति से मनाया

बीकानेर, 10 जुलाई। जस्सूसर गेट के बाहर अमर मार्ग पर स्थित पांच शिखर वाले दुर्गामाता मंदिर में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव श्रद्धा भक्ति से मनाया गया। अष्ट भुजावाली देवी दुर्गा, भगवान गणेश, श्रीनाथजी, हनुमानजी व भगवान दतात्रेय की प्रतिमाओं के विशेष श्रृंगार किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए ।
मंदिर के संस्थापक प्रकाश मोहता ने बताया कि गुरु पूर्णिमा उत्सव में दुर्गा सप्तशती का पाठ सहित देवी स्तुतियां की गई।

योग शिविर शुरू
मोहता ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुवार से गुरु वंदना व गुरु स्तुति के साथ निःशुल्क योग शिविर शुरू हुआ। योग शिविर नियमित सुबह सवा छह बजे से सवा सात बजे तक चलेगा। पहले दिन मातृ शक्ति सहित 18 साधकों ने हिस्सा लिया।

दईया महाराज की गुफा में उत्सव
देवी उपासक दाऊ लाल व्यास उर्फ दईया महाराज की दम्माणी चौक क्षेत्र में पूगलिया के पाटे के पास स्थित गुफा (साधना स्थल) पर पंडित बाबू लाल व्यास के नेतृत्व में गुरु पूजन उत्सव मनाया गया। उनके शिष्यों ने नारियल, प्रसाद व भेंट चढ़ाकर गुरु का स्मरण करते हुए वंदना की।
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मुमुक्षुसुश्री अदिति की शोभायात्रा आज, जैनाचार्य रामलालजी 12 जुलाई को देंगे भगवती दीक्षा

बीकानेर, 10 जुलाई। साधुमार्गी जैन संघ के आचार्य, उत्क्रांति प्रदाता, आगमज्ञाता आचार्य श्री रामलालजी, उपाध्याय प्रवर राजेश मुनि के सान्निध्य में जैनाचार्य की जन्मभूमि, चातुर्मास स्थल पर देशनोक में 12 जुलाई को करीब 38 मुनियों व 43 साध्वीवृंद तथा सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं की साक्षी में प्रतापगढ़ की मुमुद्वु अदिति (जिया) चिप्पड़ की भगवती दीक्षा ग्रहण करेंगी।

देशनोक मेंं आचार्यश्री रामलालजी के चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष बैंगलूर प्रवासी, देशनोक निवासी शांति लाल सांड ने बताया कि गुरुवार को गुरुपूर्णिमा पर सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं व मुनि व साध्वीवृंद ने आचार्य प्रवर की गुरुवंदना की। मुमुक्षु अदिति का वरघोड़ा, शोभायात्रा शुक्रवार को जैन जवाहर मंडल देशनोक से सुबह प्रार्थना के पश्चात रवाना होगा। शनिवार को सुबह प्रवचन के समय जैन जवाहर मंडल के प्रांगण में मुमुक्षु को दीक्षा दी जाएगी। आचार्य बनने के बाद रामलालजी महाराज अपनी मातृभूमि में मुमुक्षु को पहली दीक्षा देंगे। बुधवार को देशनोक में गुरु भक्त साधुमार्गी जैन संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अहमदाबाद के पुखराज बोथरा ने केशलोच करवाकर गुरु के प्रति श्रद्धा व सम्मान दर्शाया। साधुमार्गी जैन संघ के अहिंसा प्रचारक महेश नाहटा ने बताया कि मां करणी की धरा देशनोक जैनाचार्य रामलालजी के चातुर्मास के कारण पांच महाव्रतधारी मुनि व साध्वीवृंद तथा चातुर्मास के नियम पालन करने वाले हजारों श्रावक-श्राविकाओं की साधना स्थली बन गई है।

 

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