भगवान नेमिनाथ के जन्म कल्याणक पर नाटक के माध्यम से उनके आदर्शों का स्मरण
बीकानेर, 11 अगस्त। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के मुनि पुष्पेन्द्र विजय व मुनि श्रुतानंद विजय के सान्निध्य में रविवार को भगवान नेमिनाथ का जन्म कल्याणक उनके जीवन आदर्शों से संबंधित नाटक, भक्ति गीतों, उनकी माता शिवा देवी 14 स्वप्न की वस्तुओं की झांकी के साथ मनाया गया।
नाटक में हिस्सा लेने वाले मानक कोचर व उनकी पत्नी सहित 24 प्रतिभागी श्राविकाओं का सम्मान श्री आत्मानंद जैन सभा, सुरेन्द्र बद्धाणी जैन, पुष्पा बद्धाणी, रिखब चंद शांति लाल भंसाली, शांतिलाल कोचर, शांति लाल सेठिया, श्रीमती विनोद देवी, चन्द्र कुमार कोचर परिवार की ओर से किया गया।
कार्यक्रम में कल्याण व सौम्य महिला मंडल तथा महेन्द्र कोचर ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। मुनिवृंद ने भगवान नेमिनाथ के आदर्शों का स्मरण दिलाते हुए कहा कि निरीह जीवों के प्रति दया, करुणा तथा वात्सल्य भाव रखे। राजकुमार नेमि ने अहिंसा परमो धर्म को सर्वोपरि स्वीकार करते हुए राजपाठ के सुख वैभव का त्याग कर संयम मार्ग को स्वीकार कर तीर्थंकर बन गए।