बीकानेर में रेजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर
- साढ़े पांच सौ रेजीडेंट्स ने काम बंद किया, पीबीएम हॉस्पिटल की व्यवस्थाएं लड़खड़ाई
बीकानेर , 21 अक्टूबर। बीकानेर में रेजीडेंट डॉक्टर्स अपनी पुरानी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। जसके चलते बीकानेर संभाग के सबसे बड़े हॉस्पिटल की व्यवस्थाएं लड़खड़ा गई हे। पीबीएम हॉस्पिटल में करीब साढ़े पांच सौ रेजीडेंट डॉक्टर्स काम करते हैं। ये सभी हड़ताल पर चले गए, जिससे अधिकांश ऑपरेशन स्थगित हो गए हैं, वहीं ओपीडी भी पूरी तरह प्रभावित है।
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत यादव ने बताया- राज्य सरकार को पहले भी मांगे बताई थी लेकिन तब सिर्फ आश्वासन दिया गया। अब फिर से हड़ताल करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हड़ताल के चलते एसपीएमसी के साढ़े पांच सौ डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया है। सोमवार को कोई भी रेजिडेंट डॉक्टर्स ऑपरेशन थियेटर में नहीं गया है। ऐसे में बड़ी संख्या में ऑपरेशन स्थगित करने पड़े हैं। बहुत आवश्यक होने पर सीनियर डॉक्टर ही ऑपरेशन कर रहे हैं।
सरकार को दिया था अल्टीमेटम
पिछली बार हुई हड़ताल के 45 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने अब तक कोई निर्णय नहीं किया है। ऐसे में एसोसिएशन ने जयपुर स्तर पर सरकार को अल्टीमेटम दिया था। पांच दिन पहले कार्य बहिष्कार किया था, ताकि सरकार कोई निर्णय करे। इसके बाद कुछ सेवाओं से रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल की ओर अब पूरी तरह हड़ताल कर दी है।
इन विभागों में हो रही परेशानी
रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते पीबीएम अस्पताल के जिन विभागों में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है, उनमें गायनिक शामिल है। जहां डिलीवरी का अधिकांश काम रेजिडेंट डॉक्टर्स ही देखते हैं। इसके अलावा सर्जरी विभाग में हर रोज ऑपरेशन होते हैं। मेडिसिन डिपार्टमेंट में भी रोगियों की भारी भीड़ रहती है। यहां भी रोगी परेशान हो रहे हैं।
मौसमी बीमारियों का संकट
वहीं दूसरी तरफ बीकानेर में मौसमी बीमारियों का संकट है। हर रोज तीस से चालीस डेंगू रोगी के अलावा मलेरिया और चिकुनगुनिया के रोगी भी सामने आ रहे हैं। रेजिडेंट्स के हड़ताल पर होने से सीनियर डॉक्टर्स को समय देना पड़ रहा है। देर तक रुकने के बाद भी सभी रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पा रहा है।
बीकानेर में रेजिडेंट डॉक्टर्स की मुख्य मांग
राज्य स्तर पर चल रहे आंदोलन के बीच बीकानेरके रेजिडेंट डॉक्टर्स की स्थानीय मांगें भी अर्से से अधूरी है। इन मांगों में अधिकांश डॉक्टर्स की सुरक्षा से जुड़ी है।
- पूर्ण कैम्पस में चौबीस घंटे गार्ड होना चाहिए।
- सीसीटीवी कैमरे से सर्विलांस हो।
- नाइट ड्यूटी में ऑन कॉल के लिए रेजिडेंट्स के लिए शटल सुविधा हो।
- हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ ।
- हॉस्टल की जर्जर स्थिति को देखते हुए निर्माण कार्य करवाए जाए।