राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज के वीसी डॉ. सुधीर भंडारी का इस्तीफा
- ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी मामले में सरकार हटाने की तैयारी में थी
जयपुर , 9 मई। राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज (RUHS) के वाइस चांसलर(VC) डॉ. सुधीर भंडारी ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गुरुवार सुबह राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने का समय मांगा था। इसके बाद दिन में उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। अब भंडारी के कार्यकाल की जांच भी हो सकती है। भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के चेयरमैन पद से भी हटाया जा चुका है।
इसके लिए चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर आज दोपहर को राज्यपाल से मुलाकात करने वाले थे। ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में राज्य सरकार ने पहले ही सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ राजीव बगरहट्टा को उनके पद से हटा चुकी है। सूत्रों की मानें तो मामले में सरकार ने भंडारी को पद से हटानी की तैयारी कर ली थी। हालांकि भंडारी ने पहले ही इस्तीफा दे दिया।
भंडारी के कार्यकाल की जांच करवा सकती है सरकार
पिछले दिनों मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि राज्य सरकार भंडारी के पिछले कार्यकाल की जांच करवा सकती है। कोरोना कल के दौरान डॉक्टर भंडारी सवाई मानसिंह कॉलेज के प्रिंसिपल थे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने उन्हें आरयूएचएस के वाइस चांसलर के पद पर बैठाया था। इससे पहले वो एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट में सीनियर प्रोफेसर और यूनिट हेड रह चुके हैं।
क्या है मामला
दरअसल, अप्रैल में एसीबी ने रिश्वत लेकर ऑर्गन ट्रांसप्लांट की एनओसी देने के मामले में एसएमएस हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल फोर्टिस और ईएचसीसी के एक-एक अधिकारी को पकड़ा था। इसके बाद एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को सस्पेंड कर दिया था। वहीं मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने इस मामले में ईएचसीसी, फोर्टिस और मणिपाल हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने के लाइसेंस को रद्द कर दिया।