बीकानेर वेटरनरी विवि कुलपति चयन समिति में नियम ताक पर, त्रिभुवन की अध्यक्षता पर उठे सवाल


जयपुर, 11 जुलाई। बीकानेर वेटरनरी विश्वविद्यालय में कुलपति पद के लिए गठित चयन समिति की अध्यक्षता को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। समिति के अध्यक्ष बनाए गए त्रिभुवन शर्मा की वैधता पर सवाल उठते नजर आ रहे हैं। केंद्र सरकार की अधिसूचना और राज्यपाल द्वारा पहले जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, वे इस पद के लिए अयोग्य माने गए हैं, इसके बावजूद उन्हें अध्यक्ष बना दिया गया। सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने 31 अगस्त 2020 को स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जो संबंधित विश्वविद्यालय से किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता, पीएचडी, फैलोशिप या सेवा प्राप्त कर चुका हो, उसे कुलपति चयन समिति का सदस्य या अध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता।




मगर जानकारी के अनुसार, त्रिभुवन शर्मा का विश्वविद्यालय से पीएचडी, फैलोशिप सहित कई अन्य सेवाओं से सीधा संबंध रहा है। ऐसे में उनकी नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की नियुक्तियां विश्वविद्यालय की निष्पक्षता और उच्च शिक्षा प्रणाली की साख को नुकसान पहुंचाती हैं।


अब सबकी निगाहें सरकार पर टिकी हैं कि क्या वह इस मामले का स्वत: संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करेगी। क्योंकि यह मुद्दा सिर्फ एक विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं, बल्कि समूचे उच्च शिक्षा ढांचे की विश्वसनीयता और नैतिकता से जुड़ा हुआ है।