साध्वी श्री पुण्ययशा जी का मंगल प्रवेश एवं प्रज्ञा दिवस उत्साहपूर्वक संपन्न


राजराजेश्वरी नगर, 22 जून। परम पूज्य गुरुदेव की अनुकंपा से साध्वी श्री पुण्ययशा जी का चातुर्मास हेतु राजराजेश्वरी नगर में मंगल प्रवेश आज प्रातः सम्पन्न हुआ। उन्होंने प्रातः 7:15 बजे कैलाश चंद कोठारी के निवास स्थान से विहार कर 8:15 बजे प्रेस्टीज बागमाने टेंपल बेल में पदार्पण किया, जहाँ श्रावक समाज ने श्रद्धा और उत्साह से साध्वी वृंद का भावभीना स्वागत किया। साध्वीश्री के सान्निध्य में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी की 106वीं जयंती को प्रज्ञा दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित सामूहिक “ॐ श्री महाप्रज्ञ गुरवे नमः” मंत्र के सवा लाख जप ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। लगभग 250 श्रद्धालु इस विशेष अनुष्ठान में शामिल हुए।




अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में साध्वी श्री पुण्ययशा जी ने कहा, “आचार्य महाप्रज्ञ अध्यात्म, प्रज्ञा और शांति के महान प्रतीक थे। उनका जीवन राष्ट्र को दिशा देने वाला था। उन्होंने प्रेक्षा ध्यान, जीवन विज्ञान, अणुव्रत और अहिंसा जैसे आयामों से समाज को जोड़ा और जागरूक किया।” इस अवसर पर साध्वी वृंद द्वारा आचार्य महाप्रज्ञ जी के जीवन पर आधारित एक रेखाचित्र प्रस्तुति और भावनाओं से ओतप्रोत गीतिका “गुरुवर का संदेशा लाएँ हैं, गण सैनिक बन आए हैं” ने सभी को भावविभोर कर दिया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता राकेश छाजेड़ ने की और उन्होंने सतिवरों का आत्मीय स्वागत किया। ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज डागा, तेयुप अध्यक्ष विकास छाजेड़, महिला मंडल की अध्यक्ष सुमन पटावरी और नवमनोनीत अध्यक्ष मंजु बोथरा सहित अन्य गणमान्यजनों ने अपने-अपने भाव व्यक्त किए। प्रेस्टीज की बहनों ने महाप्रज्ञ अष्टकम व स्वागत गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। हनुमन्तनगर अध्यक्ष गौतम दक एवं क्षेत्रीय श्रावकों सहित राजराजेश्वरी नगर के सभी प्रमुख श्रद्धालुओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के समापन पर प्रेस्टीज परिवार को आयोजन के लिए विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया गया। यह आयोजन साध्वी श्री के चातुर्मास की आध्यात्मिक शुरुआत और आचार्य महाप्रज्ञ जी को समर्पित प्रज्ञा दिवस की अनूठी श्रद्धांजलि के रूप में यादगार बन गया।