करणी माता मंदिर में ‘सावन भादो कढ़ाई’ महाप्रसादी
- पहली बार मूंग दाल के हलवे का लगेगा भोग, 17500 किलो का प्रसाद बनाने 200 कार्यकर्ता जुटे
देशनोक , 31 दिसम्बर। बीकानेर के देशनोक करणी मंदिर में ‘सावन भादो कढ़ाई’ महाप्रसादी बनाई जा रही है। इस बार 17500 किलो का दाल का हलवा बनाया जाएगा। इस प्रसाद को करणी माता के श्रद्धालुओं में नए साल के पहले दिन वितरित किया जाएगा। इससे पहले आज मंदिर में कथा हो रही है।
मान्यता है कि मनोकामना पूरी होने पर भक्त ‘सावन भादो कढ़ाई’ का भोग बनवाते है। दावा है कि ये विश्व का सबसे बड़ा भोग होगा। प्रसाद ग्रहण करने जयपुर, जोधपुर, नागौर सहित राज्यभर से भक्तों का आना शुरू हो गया है। देशनोक के अधिकांश होटल और धर्मशालाएं बुक हो चुकी है।
100 साल में पहली बार बना रहे दाल का हलवा
देशनोक के करणी बाग पैलेस के महंत डॉ. करणी प्रताप सिंह ने बताया- हर साल देशनोक में कन्या पूजन का आयोजन होता है। इसके बाद एक जनवरी को प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस आयोजन को 25 साल पूर्ण होने पर दुनिया का सबसे बड़ा भोग चढ़ाया जा रहा है। पिछले 100 सालों में ये पहला मौका है, जब दाल का हलवा तैयार किया जा रहा है।
इस प्रसाद को बनाने के लिए 3 हजार 130 किलो मूंग दाल, 3130 किलो घी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा एक किलो केसर डाली जाएगी। हलवे को मीठा और स्वादिष्ट बनाने के लिए 3912 किलो चीनी, 4500 किलो मावा, छह किलो इलायची, सौ किलो बादाम कतरन और 51 किलो पिस्ता भी डाला जा रहा है।
200 कार्यकर्ता जुटे हैं बनाने में हलवा बनाने के लिए दो सौ से ज्यादा कार्यकर्ता पिछले दो दिन से करणी माता मंदिर में डटे हुए हैं। मंदिर परिसर में ही भारी भरकम कड़ाव रखा हुआ है। कड़ावों को जमीन पर बनी भटि्टयों पर चढ़ाया जा चुका है। दाल का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले दाल को सेंकना पड़ता है। ऐसे में कड़ाव में दाल सेकने के लिए कई भक्त हाथ में “खुरपा” लेकर दाल को हिलाते नजर आ रहे हैं। सभी भक्त कार्यकर्ताओं को अलग-अलग समय पर काम का जिम्मा दिया जा रहा है।
इस बार हलवा बनाने के लिए पहले छोटी-छोटी दस से ज्यादा कढाई का उपयोग किया गया। एलपीजी गैस की मदद से दाल को सिकाने के बाद इन्हें बड़ी कढाई में डाला जाएगा। वहीं से गर्म होने के बाद हलवा आम भक्त गणों में वितरित किया जाएगा।
इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में करेंगे दावा
देशनोक करणी माता मंदिर में कई बार महाप्रसादी होती है। कई क्विंटल प्रसाद भी बनता है लेकिन पहली बार सत्रह हजार पांच सौ किलो प्रसाद चढ़ रहा है। आयोजक दावा कर रहे हैं कि अब तक न सिर्फ देशनोक बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में इतना प्रसाद और भोग एक साथ नहीं हुआ। ऐसे में इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल करने का प्रयास हो रहा है। इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड टीम को इस भोग का रिकार्ड करने के लिए बुलाया गया है। इनके ऑफिशियल आज शाम देशनोक पहुंच जाएंगे।
महाराजा गंगा सिंह ने बनाई थी कढाई
बीकानेर के पूर्व महाराजा गंगा सिंह ने यहां पर कढाई बनाई थी, जिसमें इस समय प्रसाद तैयार हो रहा है। इन कढाई का वजन क्विंटल में है और आकार भी काफी बड़ा है। पहले यहां लकड़ी से कढा़ई गर्म होती थी लेकिन अब इसे इलेक्ट्रिक बना दिया गया है। ऐसे में प्रसाद जल्दी बनता है।